रायपुर। नवा रायपुर स्थित कलिंगा विश्वविद्यालय के पंचम् दीक्षांत समारोह में राज्यपाल रमेन डेका ने विद्यार्थियों को जीवन का प्रेरक संदेश दिया। उन्होंने कहा कि अनुशासन और समय का पालन सफलता की सबसे बड़ी कुंजी है। जीवन में गिरना असफलता नहीं, बल्कि नई शुरुआत का अवसर है।
🎓 कलिंगा विश्वविद्यालय में दीक्षांत समारोह का आयोजन
राज्यपाल रमेन डेका ने बुधवार को कलिंगा विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। उन्होंने वर्ष 2023, 2024 और 2025 के विद्यार्थियों को उपाधि और पदक प्रदान किए।
इस अवसर पर 150 शोधार्थियों को पीएच.डी, 1500 विद्यार्थियों को स्नातकोत्तर उपाधि, और 2500 विद्यार्थियों को स्नातक उपाधि दी गई। समारोह में विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों की बड़ी संख्या मौजूद रही।
राज्यपाल ने विश्वविद्यालय परिसर में “एक पेड़ मां के नाम” अभियान के तहत पौधा भी लगाया और पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया।
💬 राज्यपाल का संदेश: “यह जीवन का पूर्णविराम नहीं, नई शुरुआत है”
अपने प्रेरक संबोधन में राज्यपाल ने कहा,
“यह जीवन का पूर्णविराम नहीं, बल्कि नई यात्रा की शुरुआत है। सफलता उन्हें मिलती है जो गिरकर भी हार नहीं मानते। आगे बढ़ते रहें, योजना बनाएं और अपने अनुभव से सीखें।”
उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को मानसिक शांति और भौतिक उपलब्धियों के बीच संतुलन बनाए रखना चाहिए। उन्होंने जीवन में सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने और संघर्ष से न डरने की सलाह दी।
🧠 “गुरू बनिए, केवल शिक्षक नहीं” – डेका
राज्यपाल रमेन डेका ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020) का उल्लेख करते हुए कहा कि इसमें शिक्षकों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा,
“शिक्षक और गुरू में अंतर होता है। गुरू शब्द का अर्थ बहुत व्यापक है। शिक्षक बनना आसान है, लेकिन गुरू बनना साधना है। अपने अनुभव और ज्ञान से युवाओं का मार्गदर्शन करें।”
उन्होंने विश्वविद्यालयों में नवाचार और अनुसंधान को बढ़ावा देने पर बल दिया और कहा कि सरकार इस दिशा में सहयोग कर रही है।
🌱 “प्रकृति, मानव और पशु के बीच संतुलन जरूरी”
राज्यपाल डेका ने कहा कि सतत विकास के लिए प्रकृति, मानव और पशु के बीच संतुलन बनाए रखना आवश्यक है। उन्होंने विद्यार्थियों को पेड़ लगाने की प्रेरणा देते हुए कहा,
“एक पेड़ मां के नाम लगाइए, यह हमारी धरती और आने वाली पीढ़ियों के लिए उपहार होगा।”
💡 उच्च शिक्षा मंत्री टंकराम वर्मा का संदेश
राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री टंकराम वर्मा ने समारोह में कहा कि राष्ट्र के विकास में युवाओं की सबसे बड़ी भूमिका होती है। उन्होंने कहा,
“छत्तीसगढ़ सरकार युवाओं को आगे बढ़ाने के लिए नीतिगत निर्णय ले रही है। विद्यार्थी अपनी रचनात्मकता और नवाचार से राज्य को नई दिशा दें।”
👥 कार्यक्रम में उपस्थित अतिथि
इस अवसर पर राज्य निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग के अध्यक्ष प्रो. वी.के. गोयल, कुलाधिपति संदीप अरोड़ा, कुलपति आर. श्रीधर, उपकुलाधिपति सज्जन सिंह, तथा विश्वविद्यालय प्रबंध मंडल के सदस्य, विभागाध्यक्ष, शिक्षकगण, विद्यार्थी एवं उनके अभिभावक उपस्थित थे।
🕊️ “युवाओं का योगदान भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था बनाएगा”
राज्यपाल रमेन डेका ने अंत में कहा कि भारत का भविष्य युवाओं के हाथ में है। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा,
“आपका योगदान ही भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाएगा। अपनी रचनात्मकता को बढ़ाइए और नवाचार में लगाइए, सफलता स्वयं आपके कदम चूमेगी।”
