पटना। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के एग्जिट पोल रिजल्ट (Bihar exit poll results 2025) में एनडीए (BJP-JDU गठबंधन) को स्पष्ट बढ़त मिलती दिख रही है। मंगलवार शाम जारी हुए विभिन्न सर्वे के अनुसार, राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) को 130 से 209 सीटों के बीच मिलने का अनुमान है। वहीं, महागठबंधन को 70 से 102 सीटों तक सीमित बताया गया है।
🟢 एनडीए में खुशी, विपक्ष ने किया एग्जिट पोल खारिज
एग्जिट पोल आने के बाद भाजपा और जदयू के कैंप में जश्न का माहौल है। वहीं, तेजस्वी यादव के नेतृत्व वाले महागठबंधन ने इन नतीजों को खारिज करते हुए कहा कि “असली फैसला जनता का होगा, जो 14 नवंबर को सामने आएगा।”
सर्वे एजेंसियों—मेट्राइज, पी-मार्क, पीपुल्स पल्स और अन्य पोलस्टर्स ने एनडीए को बहुमत के पार सीटें दी हैं। कुल 243 सीटों वाली विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा 122 है।
🟠 जन सुराज पार्टी का असर नहीं
प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी, जिसे “तीसरा मोर्चा” कहा जा रहा था, एग्जिट पोल्स के अनुसार 0 से 5 सीटों पर सिमटती दिख रही है।
📊 वोटिंग प्रतिशत ऐतिहासिक
इस बार बिहार में दो चरणों में मतदान हुआ।
- पहले चरण का मतदान 6 नवंबर को हुआ, जिसमें 65.08% वोटिंग दर्ज की गई।
- दूसरे चरण का मतदान 11 नवंबर को हुआ, जिसमें 68.67% वोटिंग हुई।
कुल मिलाकर 66.91% वोटिंग, जो बिहार चुनाव इतिहास का सबसे ऊँचा मतदान प्रतिशत है।
🔔 वोटों की गिनती 14 नवंबर को
गिनती 14 नवंबर सुबह 8 बजे से सभी 38 जिलों के मतगणना केंद्रों पर शुरू होगी। सुरक्षा एजेंसियों ने सभी जिलों में कड़ी निगरानी और तीन-स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की है।
⚖️ कौन किस सीट पर लड़ा?
एनडीए की सीट शेयरिंग इस प्रकार रही—
- जदयू और भाजपा ने 101-101 सीटों पर चुनाव लड़ा,
- एलजेपी (राम विलास) ने 29 सीटें,
- हम (सेक्युलर) और आरएलएम ने 6-6 सीटों पर उम्मीदवार उतारे।
वहीं, महागठबंधन (Grand Alliance) में
- राजद ने 143 सीटों,
- कांग्रेस ने 61 सीटों,
- भाकपा (CPI) ने 9,
- भाकपा (माले) ने 20,
- भाकपा (एम) ने 4 और
- वीआईपी ने 15 सीटों पर उम्मीदवार उतारे।
📅 2020 में उलटा था अनुमान
गौरतलब है कि बिहार चुनाव 2020 में एग्जिट पोल्स ने महागठबंधन को बढ़त दी थी, लेकिन असली नतीजों में एनडीए ने 125 सीटें जीतकर सत्ता बरकरार रखी थी। भाजपा ने 74, जदयू ने 43, जबकि राजद ने 75 सीटें हासिल की थीं।
🗳️ क्या है एग्जिट पोल?
एग्जिट पोल मतदान के बाद किया जाने वाला सर्वे होता है, जिसमें यह अनुमान लगाया जाता है कि किस दल को कितना समर्थन मिला। ये सर्वे मतदान केंद्रों के बाहर मतदाताओं से बातचीत पर आधारित होते हैं। हालांकि, ये हमेशा सटीक नहीं होते, परंतु जनता के मूड और ट्रेंड का संकेत जरूर देते हैं।
🔍 अब निगाहें 14 नवंबर पर
अब बिहार की जनता की निगाहें 14 नवंबर के नतीजों पर टिकी हैं। यह तय करेगा कि नीतीश कुमार की एनडीए सरकार लौटेगी या तेजस्वी यादव की महागठबंधन सत्ता में आएगी।
