रायपुर, 5 नवंबर 2025 —
महिला क्रिकेट विश्वकप में भारत की ऐतिहासिक जीत के बाद छत्तीसगढ़ की बेटी आकांक्षा सत्यवंशी को उनके योगदान के लिए राज्य सरकार ने सम्मानित करने का फैसला लिया है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बुधवार को घोषणा की कि आकांक्षा को ₹10 लाख का विशेष पुरस्कार दिया जाएगा।
आकांक्षा सत्यवंशी छत्तीसगढ़ के कबीरधाम ज़िले की निवासी हैं और भारतीय महिला क्रिकेट टीम की फिजियोथेरेपिस्ट और स्पोर्ट्स साइंस विशेषज्ञ के रूप में टीम के साथ जुड़ी हुई थीं। उन्होंने पूरे टूर्नामेंट के दौरान खिलाड़ियों की फिटनेस और रिकवरी का ध्यान रखा।
🗣️ मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का बयान
मुख्यमंत्री साय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा —
“भारतीय महिला क्रिकेट टीम की ऐतिहासिक जीत ने देश का गौरव बढ़ाया है। छत्तीसगढ़ की बेटी आकांक्षा सत्यवंशी ने इस सफलता में अहम भूमिका निभाई। एक फिजियोथेरेपिस्ट और स्पोर्ट्स साइंस एक्सपर्ट के रूप में उन्होंने खिलाड़ियों की फिटनेस और रिकवरी सुनिश्चित की, जिससे टीम मजबूत हुई और देश को अंतरराष्ट्रीय पहचान मिली।”
उन्होंने कहा कि आकांक्षा का यह योगदान हर बेटी और खिलाड़ी के लिए प्रेरणास्रोत है।
“उनकी मेहनत और लगन ने साबित किया है कि छत्तीसगढ़ की बेटियाँ हर क्षेत्र में देश का नाम रोशन कर सकती हैं,” उन्होंने जोड़ा।
🏏 भारत की ऐतिहासिक जीत
भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने रविवार रात नवी मुंबई में खेले गए आईसीसी महिला वनडे विश्वकप फाइनल में दक्षिण अफ्रीका को 52 रनों से हराकर पहली बार खिताब अपने नाम किया।
इस जीत ने भारतीय क्रिकेट इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ा और पूरी टीम को देशभर से शुभकामनाएँ मिलीं।
🌟 मुख्यमंत्री का युवा खिलाड़ियों को संदेश
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि राज्य सरकार खेल प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने और युवाओं को राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अवसर देने के लिए निरंतर कार्य कर रही है।
“हमारा लक्ष्य है कि छत्तीसगढ़ के और भी युवा भारत को विश्व पटल पर चमकाएँ,” उन्होंने कहा।
👩⚕️ आकांक्षा की कहानी — मेहनत और समर्पण का प्रतीक
आकांक्षा सत्यवंशी ने अपनी मेहनत और समर्पण से यह दिखाया कि सफलता केवल मैदान पर खेलने वालों की नहीं, बल्कि उनके पीछे काम करने वाले विशेषज्ञों की भी होती है।
उनकी भूमिका ने खिलाड़ियों को फिट बनाए रखा और टीम इंडिया को विश्व विजेता बनाने में अहम योगदान दिया।
✍️ निष्कर्ष
छत्तीसगढ़ की यह उपलब्धि केवल एक पुरस्कार नहीं, बल्कि राज्य की बेटियों के लिए प्रेरणा का प्रतीक है।
आकांक्षा सत्यवंशी की सफलता यह संदेश देती है कि अगर लगन और मेहनत सच्ची हो, तो कोई भी मंच दूर नहीं।
