तंदूर सड़क हादसा: एक मां ने खोए तीन बेटियां, हैदराबाद लौटने की तैयारी बनी मौत का सफर

तंदूर (तेलंगाना):
सोमवार की सुबह तंदूर में हुआ Tandur road accident पूरे तेलंगाना को गहरे सदमे में डाल गया। इस दर्दनाक सड़क हादसे में 24 लोगों की मौत हो गई, जिनमें तीन सगी बहनें भी शामिल थीं।

वड्डेरगल्ली (गांधीनगर, रंगारेड्डी ज़िला) की रहने वाली इन तीनों बहनों—तनुषा, साई प्रिया और नंदिनी—का रिश्ता न केवल खून का, बल्कि आत्मा का भी था। ज़िंदगी भर एक-दूसरे से न अलग होने वाली ये बहनें, मौत के सफर में भी साथ चली गईं।

इनकी मां अंबिका का रो-रोकर बुरा हाल है। वह बार-बार कहती रहीं—“हे भगवान! मेरी तीनों बेटियां मुझे लौटा दो… उन्होंने कौन-सा पाप किया था?”

मां अंबिका ने बताया कि तीनों बेटियां हैदराबाद में पढ़ाई कर रही थीं—तनुषा एमबीए कर रही थी, साई प्रिया डिग्री के अंतिम वर्ष में थी और सबसे छोटी नंदिनी ने अभी पहला साल शुरू किया था। वे शुक्रवार को हैदराबाद लौटने वाली थीं, लेकिन मां के कहने पर दो दिन और रुक गईं। अब वही कुछ दिन उनके लिए मौत का कारण बन गए।

सोमवार सुबह पिता येलैया ने तीनों को स्टेशन छोड़ा, लेकिन ट्रेन छूट गई। इसके बाद उन्होंने बेटियों को बस स्टैंड छोड़ दिया। कुछ ही देर बाद घर पर खबर आई कि बस का ट्रक से भयानक टकराव हो गया है — और उनकी तीनों बेटियां अब नहीं रहीं।

यह परिवार हाल ही में खुशियों से भरा था। बड़ी बेटी अनुशा की शादी 17 अक्टूबर को हुई थी। अब उसी घर में मातम पसरा है।

इस Tandur road accident में एक और छात्रा अखिला रेड्डी की भी मौत हो गई, जो लक्ष्मीनारायणपुर गाँव (यालाल मंडल) की रहने वाली थी और हैदराबाद में एमबीए कर रही थी। अखिला की मां ने कहा, “मैं हमेशा सड़क यात्रा से डरती थी… आज मेरा डर सच्चाई बन गया।”

पुलिस के अनुसार, यह हादसा उस समय हुआ जब भारी बोझ से लदा एक तेज़ रफ्तार ट्रक, तेलंगाना आरटीसी की बस से टकरा गया। टक्कर के बाद ट्रक में भरा बजरी का भार बस पर गिर पड़ा और बस का अगला हिस्सा पूरी तरह चकनाचूर हो गया।

आंखोंदेखे गवाहों के मुताबिक, सड़क की खराब स्थिति, ब्लाइंड मोड़ और ओवरलोडेड ट्रक ने मिलकर यह हादसा घटा दिया।

तेलंगाना सरकार ने मामले की गंभीरता को देखते हुए मजिस्ट्रियल और विभागीय जांच के आदेश दे दिए हैं।

तंदूर और रंगारेड्डी के लोग इस त्रासदी से अब भी उबर नहीं पाए हैं। हर कोई यही कह रहा है—”एक मां की गोद सूनी हो गई, और तीन बेटियों के सपने बीच रास्ते में ही टूट गए।”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *