रायपुर / दुर्ग: छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले से पुलिस विभाग की छवि को धूमिल करने वाला मामला सामने आया है। यहां क्राइम ब्रांच के पुलिसकर्मियों पर एक कारोबारी की कार से दो लाख रुपये चोरी करने का आरोप लगा था। अब इस पूरे Durg police officers theft case की जांच पूरी हो चुकी है।
कोतवाली के नगर पुलिस अधीक्षक (CSP) को इस मामले का इन्वेस्टिगेशन ऑफिसर बनाया गया था। जांच पूरी होने के बाद अब रिपोर्ट रायपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) को सौंप दी गई है। बताया जा रहा है कि एसएसपी जांच रिपोर्ट का अध्ययन करने के बाद कार्रवाई पर अंतिम फैसला लेंगे।
🔍 क्या है पूरा मामला?
पिछले हफ्ते, दुर्ग के पॉश इलाके में एक कारोबारी की कार की ACCU टीम द्वारा जांच की गई थी। कारोबारी ने आरोप लगाया कि इसी दौरान पुलिसकर्मियों ने कार में रखे 2 लाख रुपये चोरी कर लिए।
इस घटना का वीडियो पास के सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया। इसके बाद कारोबारी ने दुर्ग एसएसपी से शिकायत की। जांच का दायरा बढ़ाते हुए मामला रायपुर एसएसपी को सौंपा गया।
📹 सीसीटीवी वीडियो से खुला राज़
शिकायत और सीसीटीवी फुटेज की समीक्षा के बाद एसएसपी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए क्राइम ब्रांच के पांच पुलिसकर्मियों — आरक्षक प्रशांत शुक्ला, धनंजय गोस्वामी, वीरेंद्र भार्गव, दिलीप जांगड़े और प्रमोद वट्टी — के खिलाफ जांच के आदेश दिए।
जांच के दौरान आरक्षक प्रशांत शुक्ला को तत्काल निलंबित कर दिया गया था। अब सीएसपी कोतवाली ने अपनी जांच रिपोर्ट तैयार कर एसएसपी रायपुर को भेज दी है।
⚖️ अब होगा बड़ा फैसला
जांच रिपोर्ट के आधार पर अब रायपुर एसएसपी यह तय करेंगे कि आरोपित पुलिसकर्मियों पर विभागीय कार्रवाई होगी या नहीं।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, रिपोर्ट में कई महत्वपूर्ण तथ्य और साक्ष्य सामने आए हैं जो मामले की गंभीरता को दर्शाते हैं। विभागीय सूत्रों का कहना है कि अगर रिपोर्ट में दोष साबित होता है, तो निलंबन से लेकर बर्खास्तगी तक की कार्रवाई संभव है।
🚔 पुलिस की साख पर सवाल
यह मामला पुलिस की साख पर बड़ा सवाल खड़ा करता है। जिन पर जनता की सुरक्षा की जिम्मेदारी होती है, उन्हीं पर अब भ्रष्टाचार और चोरी जैसे गंभीर आरोप लग रहे हैं।
Durg police officers theft case ने एक बार फिर पुलिस विभाग की जवाबदेही और पारदर्शिता पर बहस छेड़ दी है।
