रायपुर। छत्तीसगढ़ के चाल वन क्षेत्र से एक ऐसा वीडियो सामने आया है, जिसने इंसान और जंगली जीवों के बीच के आपसी भरोसे और प्रेमपूर्ण संवाद की मिसाल पेश की है। इस वीडियो में ‘हाथी मित्र दल’ के सदस्य बेहद शांत स्वर में हाथियों के झुंड को जंगल की ओर वापस भेजते नजर आ रहे हैं।
वीडियो में दल के सदस्य हाथियों से कह रहे हैं –
“जाओ, जाओ आगे बढ़ो… जाओ बाबू, जंगल में जाओ, रोड पे खड़े नहीं होते।”
लगभग 15 हाथियों का झुंड, जिसमें एक नन्हा हाथी भी शामिल था, उन आवाज़ों को सुनते हुए धीरे-धीरे जंगल की ओर लौट जाता है।
यह घटना 27 अक्टूबर को गडईनबहरी और अउरनारा गांवों के पास हुई, जब यह झुंड सड़क के किनारे तक पहुंच गया था। ‘हाथी मित्र दल’ के स्वयंसेवकों ने बिना किसी डर या शोर के, केवल शांत और स्नेहपूर्ण आवाज़ों से हाथियों को वापस जंगल की ओर जाने के लिए प्रेरित किया।
वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यह पहली बार है जब जंगली हाथियों को मानवीय आवाज़ों पर शांतिपूर्वक प्रतिक्रिया देते हुए रिकॉर्ड किया गया है। यह दृश्य इंसानों और हाथियों के बीच सह-अस्तित्व और आपसी समझ का प्रतीक बन गया है।
‘हाथी मित्र दल’ स्थानीय ग्रामीणों का एक समूह है, जिसे हाथी-मानव संघर्ष को रोकने और झुंड की निगरानी के लिए बनाया गया है। यह दल न तो डंडे का उपयोग करता है, न शोर मचाता है — उनका तरीका “मित्रता और संवाद” पर आधारित है।
स्थानीय लोगों के अनुसार, यह तरीका डर नहीं, बल्कि विश्वास पर टिका है, और यही वजह है कि हाथी भी उनकी आवाज़ को पहचानते हैं और शांत रहते हैं।
