CG News: छत्तीसगढ़ में खुलेगा विदेशी विश्वविद्यालयों का रास्ता, राज्य सरकार ने दी बड़ी राहत – अब बस्तर और सरगुजा में भी खुल सकेंगे निजी कैंपस

रायपुर। छत्तीसगढ़ में अब विदेशी विश्वविद्यालयों के कैंपस खोलने का रास्ता पूरी तरह साफ हो गया है। राज्य सरकार ने नई औद्योगिक नीति के दायरे को बढ़ाते हुए सेवा क्षेत्र के आठ नए सेक्टरों को शामिल किया है। इनमें Foreign universities campus in Chhattisgarh भी शामिल हैं। सरकार ने यह कदम राज्य में निवेश बढ़ाने और उच्च शिक्षा को नई दिशा देने के उद्देश्य से उठाया है।

नई नीति के तहत जो विदेशी विश्वविद्यालय QS World University Ranking के टॉप 500 में शामिल हैं, वे अब छत्तीसगढ़ में अपना कैंपस खोल सकेंगे। सरकार ने ऐसे विश्वविद्यालयों को कई विशेष रियायतें देने की घोषणा की है। इसके लागू होने से राज्य के विद्यार्थियों को विदेश जाकर पढ़ाई करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। खासकर आर्थिक रूप से कमजोर लेकिन मेधावी छात्रों को इसका सीधा फायदा मिलेगा।

राज्य सरकार ने स्पष्ट किया है कि विदेशी विश्वविद्यालयों को कम से कम 1000 छात्रों की क्षमता वाला एकीकृत परिसर बनाना होगा। इसमें छात्रावास, पुस्तकालय, स्मार्ट क्लास, आधुनिक प्रयोगशालाएं, खेल सुविधा, कैंटीन और स्वास्थ्य सेवाएं शामिल होनी चाहिए। साथ ही Foreign universities campus in Chhattisgarh के लिए भारत सरकार और यूजीसी की अनुमति भी अनिवार्य होगी।

स्पोर्ट्स और रिक्रिएशनल सेंटर को भी मंजूरी

नई नीति के तहत छत्तीसगढ़ में निवेशक अब स्पोर्ट्स और री-क्रियेशनल सेंटर में भी निवेश कर सकेंगे। इन केंद्रों में कम से कम तीन खेल गतिविधियों के साथ फिटनेस, योग, इनडोर-आउटडोर गेम्स और स्वीमिंग पूल की सुविधा होनी जरूरी होगी। इसके लिए कम से कम 5000 वर्ग फीट क्षेत्र की आवश्यकता होगी।

बस्तर और सरगुजा में निजी विश्वविद्यालय खोलने की अनुमति

राज्य सरकार ने बस्तर और सरगुजा संभाग के लिए भी बड़ी घोषणा की है। अब देश के शीर्ष 100 NIRF रैंकिंग वाले निजी विश्वविद्यालय यहां अपने कैंपस खोल सकेंगे। इन संस्थानों को भी कम से कम 1000 छात्रों की क्षमता वाला स्थायी परिसर बनाना होगा, जिसमें छात्रावास, पुस्तकालय, लैब्स, खेल और स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करानी होंगी।

सरकार का मानना है कि इन फैसलों से छत्तीसगढ़ शिक्षा और निवेश के नए केंद्र के रूप में उभरेगा। उच्च शिक्षा के क्षेत्र में वैश्विक मानकों की संस्थाओं के आने से राज्य के युवाओं को बेहतर अवसर मिलेंगे और राज्य की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।

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