लॉकडाउन के बावजूद प्रदेश के हर बच्चे के दरवाजे तक पढ़ाई : ऑनलाइन टीचिंग का अनुभव अदभुत

रायपुर (छत्तीसगढ़)। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा बनाए गए ऑनलाईन पोर्टल से लॉकडाउन के बावजूद हर बच्चे के दरवाजे पर पढ़ाई की व्यवस्था की जा रही है। ऑनलाईन पढ़ाई से शिक्षिकों को जहां अदभुत अनुभव हो रहा है, वहीं नई तकनीक होने के बावजूद बच्चे भी उत्साह से सींख रहे हैं।

राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद की शिक्षिका जस्सी कुरियन का 30 साल की शिक्षकीय यात्रा के दौरान यह पहला अवसर था जब उन्होंने राज्य के 87 बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाया। उन्होंने बताया कि निःसंदेह शिक्षक के रूप में यह उनका अदभुत अनुभव था। ऑनलाइन पढ़ाई को लेकर उनकी जो भी झिझक और आशंकाएं थी, वो शुरुआती 5 मिनट में ही जाती रही। नई तकनीक होने के बावजूद विद्यार्थियों ने पूरे उत्साह के साथ इसमें भाग लिया और पूरी एकाग्रता के साथ पढ़ाई की। ऑनलाइन पढ़ाई में नियमित कक्षाओं की तरह गंभीरता भी थी और विद्यार्थियों का उत्साह बढ़ाने वाले हल्के-फुलके क्षण भी।
शिक्षिका जस्सी कुरियन ने बताया कि ऑनलाइन क्लास में बच्चों को इंग्लिश एक्सप्रेशन के बारे में पढ़ाया। उन्हें खुशी, दुःख, आश्चर्य, क्रोध आदि शब्दों को बोलते समय चेहरे के भावों को प्रकट करना बताया। विद्यार्थियों की प्रतिक्रिया से लगा कि वे स्क्रीन पर इस तरह से शब्द और भाव को प्रकट करने को सीखने में उन्हें आंनद आया। वो एक दूसरे को भी अपनी मुद्राओं में भाव प्रकट कर बताने लगे। बच्चे जिस उत्साह के साथ वार्तालाप कर रहे थे, अपनी जिज्ञासा को प्रकट कर रहे हैं थे, वह इस ऑनलाइन पढ़ाई का सर्वश्रेष्ठ भाग था। यह पाठ उस समय और आनंददायक हो गया, जब प्रदेश के अलग अलग जिलों से इस कक्षा में भाग ले रहे बच्चों ने एक साथ अंग्रेजी कवितापाठ किया। इस पद्धति ने हमें यह भी सीखा दिया कि लॉकडाउन के बावजूद हम किस तरह से प्रदेश के हर बच्चे के दरवाजे तक पढ़ाई को सफलतापूर्वक ले जा सकते हैं।
इस पढ़ाई का एक उल्लेखनीय पक्ष यह भी हैं कि बच्चों के साथ साथ उनके माता-पिता भी इसमें रुचि ले रहे हैं। ऑनलाइन पढ़ाई की सामग्री पीडीएफ के रूप में पूर्व में भेज देने से उन्हें इसे बार बार स्मरण करने और कक्षा में शामिल होने से पूर्व तैयारी करने में सहायता मिली। इन कक्षाओं के लिए राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद और एनआईसी से जो सहयोग मिल रहा है। इससे ऑनलाईन अध्यापन का कार्य और आसान हो गया हैं। मुझे पूरा विश्वास है कि समय के साथ साथ यह विधा और बेहतर होती जायेगी और अधिक से अधिक विद्यार्थी इससे जुड़ते जाएंगे।