सूरजपुर, छत्तीसगढ़।
सूरजपुर जिले के एसईसीएल विश्रामपुर क्षेत्र की आमगांव ओपन कास्ट माइंस में शनिवार को उस वक्त हड़कंप मच गया जब खदान विस्तार का विरोध कर रही ग्रामीण महिलाओं पर CISF जवानों ने लाठीचार्ज कर दिया।
इस घटना में दो महिलाओं को गंभीर चोटें आईं, जिसके बाद मौके पर तनाव फैल गया।
🔹 खदान विस्तार के विरोध में महिलाओं पर हमला
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, शनिवार को कंपनी अधिकारी और कर्मचारी बिना किसी पूर्व सूचना के भारी मशीनों के साथ खुदाई के लिए पहुंचे।
ग्रामीणों ने इसका विरोध किया, तो CISF जवानों ने लाठीचार्ज करते हुए महिलाओं को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा।
घटना के दौरान कई महिलाएं घायल हो गईं और अफरा-तफरी का माहौल बन गया।
इसी दौरान वहां से गुजर रहे जनपद अध्यक्ष गुलाब सिंह और जनपद सदस्य कवल साय सिंह ने तुरंत हस्तक्षेप कर स्थिति को शांत किया।
घटना की खबर गांव में फैलते ही बड़ी संख्या में ग्रामीण मौके पर पहुंच गए, लेकिन तब तक हमलावर जवान वहां से निकल चुके थे।
🔹 विधायक भूलन सिंह मरावी पहुंचे मौके पर
जैसे ही घटना की जानकारी विधायक भूलन सिंह मरावी को मिली, उन्होंने तत्काल कलेक्टर और एसपी से बात की और पुलिस-प्रशासन को मौके पर भेजा।
विधायक खुद घटनास्थल पर पहुंचे और एसईसीएल के उपक्षेत्रीय प्रबंधक सहित अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई।
उन्होंने स्पष्ट कहा —
“जब तक प्रभावित ग्रामीणों को नौकरी, मुआवजा और सभी हक नहीं मिलते, तब तक खदान का एक इंच भी विस्तार नहीं होगा।”
🔹 ग्रामीण बोले – नहीं मिला मुआवजा और नौकरी
ग्रामीणों का कहना है कि आमगांव ओसीएम का विस्तार पटना गांव की ओर किया जा रहा है, लेकिन जमीन अधिग्रहण के बदले उन्हें अब तक न तो मुआवजा मिला है और न ही नौकरी का वादा पूरा हुआ है।
364 लोगों को रोजगार मिलना था, मगर कंपनी ने अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया।
एक ग्रामीण महिला ने कहा —
“हम अपनी जमीन खो चुके हैं, अब हमारे हक की लड़ाई भी हमें पीटकर दबाई जा रही है।”
🔹 पुलिस ने दर्ज किया मामला, जांच जारी
पीड़ित महिलाओं ने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है।
विधायक भूलन सिंह ने टीआई को निर्देश दिए हैं कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
फिलहाल, घटना के बाद क्षेत्र में तनाव की स्थिति बनी हुई है और ग्रामीणों में एसईसीएल के प्रति भारी नाराजगी है।
🔹 मामले पर प्रशासन की निगरानी
सूरजपुर प्रशासन ने कहा है कि जांच रिपोर्ट आने के बाद आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
साथ ही, कंपनी प्रबंधन को भी प्रभावित ग्रामीणों के साथ संवाद स्थापित करने के निर्देश दिए गए हैं ताकि स्थिति सामान्य हो सके।
