Hospital Firms Blacklisted CGMSC Chhattisgarh। छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत काम करने वाले छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कॉर्पोरेशन (CGMSC) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 4 मेडिकल फर्मों को 3 साल के लिए ब्लैकलिस्ट कर दिया है। यह कार्रवाई रीएजेंट सप्लाई और ऑक्सीजन प्लांट से जुड़ी गड़बड़ियों के चलते की गई है।
इस कार्रवाई ने राज्य के मेडिकल सप्लाई नेटवर्क में हलचल मचा दी है। Hospital Firms Blacklisted CGMSC Chhattisgarh के तहत ब्लैकलिस्ट की गई फर्मों में दुर्ग की मोक्षित कॉर्पोरेशन, पंचकुला की रिकॉर्ड एंड मेडिकेयर, तर्रा की श्री शारदा इंडस्ट्रीज और रायपुर की मेडिग्लोब मेडिकल शामिल हैं।
⚖️ भ्रष्टाचार और लापरवाही पर हुई कार्रवाई
CGMSC ने फरवरी 2025 में ही इन फर्मों की सप्लाई और अनुबंध की जांच शुरू की थी। जांच में पाया गया कि कई फर्मों ने या तो अधूरा काम किया या रीएजेंट और मेडिकल उपकरण की सप्लाई में भ्रष्टाचार किया।
फर्म का नाम | कार्रवाई की अवधि | कारण |
---|---|---|
मोक्षित कॉर्पोरेशन, दुर्ग | 4 फरवरी 25 – 3 फरवरी 28 | भ्रष्टाचार व आपराधिक गतिविधियां |
रिकॉर्ड एंड मेडिकेयर, पंचकुला | 5 फरवरी 25 – 4 फरवरी 28 | भ्रष्टाचार व आपराधिक गतिविधियां |
श्री शारदा इंडस्ट्रीज, तर्रा | 5 फरवरी 25 – 4 फरवरी 28 | भ्रष्टाचार व आपराधिक गतिविधियां |
मेडिग्लोब मेडिकल, शंकरनगर | 6 फरवरी 25 – 5 फरवरी 28 | ऑक्सीजन प्लांट अधूरा व मेंटेनेंस नहीं करना |
💊 7 प्रकार की दवाएं भी ब्लैकलिस्ट
CGMSC ने 2023 में 7 दवाओं को ब्लैकलिस्ट किया था, जिनमें 4 टैबलेट, 2 इंजेक्शन और 1 शैंपू शामिल है। इनमें कई नामी कंपनियों के प्रोडक्ट भी शामिल हैं:
- लिथियम कार्बोनेट 300mg टैबलेट – जी लेबोरेटरी, हिमाचल प्रदेश
- एनालाप्रिल मैलेट 2.5 टैबलेट – डॉ. रेड्डी लेबोरेटरी, तेलंगाना
- मैग्नीशियम सल्फेट इंजेक्शन – भारत पैरेंटेरियल, वडोदरा
- क्लोरफेनिराइमाइन इंजेक्शन – अल्फा लेबोरेटरी, इंदौर
- केटोकोनाजोल 2% शैंपू – ग्लेनमार्क फार्मा, मुंबई
- क्लोपिडोगरेल टैबलेट – रिवरा फार्मुलेशन, हरिद्वार
- एसिटिल सैलिसिलिक एसिड टैबलेट – यूनिक्योर इंडिया, नोएडा
🧪 फार्मा कंपनियों और लैब्स पर भी गिरी गाज
खून पतला करने वाली दवा हिपेरिन इंजेक्शन बनाने वाली डिवाइन लेबोरेटरी (वडोदरा) और उसे ओके रिपोर्ट देने वाली इडमा लेबोरेटरीज लिमिटेड (पंचकुला) व सेटिएट रिसर्च एंड अंटेक प्राइवेट लिमिटेड (बरवाला) का रेट कांट्रेक्ट भी समाप्त कर दिया गया है।
🏗️ डीपीडीएमआईएस पोर्टल से बढ़ी पारदर्शिता
CGMSC ने अब Drug Procurement and Distribution Management Information System (DPDMIS) पोर्टल आम जनता के लिए खोल दिया है।
इस पोर्टल के माध्यम से नागरिक मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पताल, सीएचसी और पीएचसी में दवाओं की आपूर्ति, स्टॉक, अनुबंध और निर्माणाधीन अस्पतालों की प्रगति को रियल-टाइम में देख सकेंगे।
दवा परिवहन में लगे वाहनों की लाइव लोकेशन, निर्माण कार्य की प्रगति रिपोर्ट और स्वीकृत आपूर्तिकर्ताओं की जानकारी अब आम जनता के लिए सुलभ होगी।
🕵️♂️ 660 करोड़ के रीएजेंट घोटाले में जांच जारी
CGMSC की इस कार्रवाई के पीछे 660 करोड़ रुपये के रीएजेंट घोटाले की जांच चल रही है। सूत्रों के मुताबिक, दवा कॉर्पोरेशन के कुछ वरिष्ठ अधिकारी भी इस घोटाले में शामिल थे।
विधानसभा में दी गई जानकारी के अनुसार, 28 करोड़ के रीएजेंट खराब हो चुके हैं और कई अस्पतालों में ब्लड टेस्टिंग मशीनें भी बंद हैं क्योंकि उन्हें लॉक कर दिया गया ताकि मोक्षित कॉर्पोरेशन से ही रीएजेंट लिया जा सके।
📜 सरकार का उद्देश्य – पारदर्शिता और जवाबदेही
सरकार का कहना है कि यह कार्रवाई राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं में पारदर्शिता लाने की दिशा में बड़ा कदम है। अब हर नागरिक यह देख सकेगा कि कौन सी दवा कहां और कितनी मात्रा में पहुंच रही है।
