Government job scam mastermind arrested Durg:
सरकारी नौकरी का झांसा देकर 25 लोगों से करीब 45 लाख रुपए की ठगी करने वाले गिरोह का मास्टरमाइंड आखिरकार पुलिस के हत्थे चढ़ गया।
आरोपी अरुण मेश्राम (54 वर्ष) कांकेर में किराये के मकान में छिपकर रह रहा था। पुलिस ने 14 अक्टूबर को घेराबंदी कर उसे गिरफ्तार कर लिया।
🕵️♂️ 2 जुलाई 2022 को हुई थी ठगी की शुरुआत
इस मामले की शुरुआत साल 2022 में हुई थी। ग्राम चिरचार निवासी संतराम देशमुख ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी कि भेषराम देशमुख और रविकांत देशमुख नाम के दो लोगों ने अपने साथी अरुण मेश्राम के साथ मिलकर मंत्रालय में अधिकारी होने का दावा करते हुए 5 लाख रुपए नौकरी लगवाने के नाम पर ले लिए थे।
जब कई महीनों तक वादा पूरा नहीं हुआ और अन्य लोगों से भी ठगी की जानकारी मिली, तो पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की।
🏠 कांकेर में छिपा था आरोपी अरुण मेश्राम
अंजोरा चौकी प्रभारी खेलन सिंह साहू को सूचना मिली कि आरोपी अरुण मेश्राम कांकेर में किराये के मकान में रह रहा है।
सूचना के आधार पर पुलिस टीम ने दबिश दी और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।
पूछताछ में उसने कबूल किया कि उसने 20 से 25 लोगों से सरकारी नौकरी का झांसा देकर लाखों रुपए वसूले हैं।
👮♂️ दो आरोपी पहले ही जेल भेजे जा चुके हैं
इस केस में पहले ही भेषराम देशमुख और उसका बेटा रविकांत देशमुख को 6 सितंबर 2025 को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है।
पुलिस पूछताछ में दोनों ने बताया था कि अरुण मेश्राम मंत्रालय में अधिकारियों से जान-पहचान का हवाला देकर लोगों को भरोसे में लेता था और नौकरी दिलाने का झांसा देकर पैसे ऐंठता था।
💰 ठगी की रकम से खरीदा प्लॉट, अब पुलिस कर रही आगे की जांच
पुलिस पूछताछ में अरुण मेश्राम ने बताया कि ठगी की रकम तीनों ने आपस में बांट ली थी।
उसने अपने हिस्से के करीब 15 लाख रुपए से कांकेर में एक प्लॉट खरीदा था और पिछले तीन साल से उसी रकम से खर्च चला रहा था।
पुलिस ने आरोपी के पास से प्लॉट खरीदी का एग्रीमेंट और 4,000 रुपए नकद बरामद किए हैं।
अब पुलिस अन्य पीड़ितों की पहचान कर रही है और यह भी जांच में जुटी है कि ठगी की रकम से खरीदी गई अन्य संपत्तियां कहां-कहां हैं।
आरोपी को न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया है।
⚖️ पुलिस की अपील:
पुलिस ने जनता से अपील की है कि किसी भी अज्ञात व्यक्ति या स्वयंभू अधिकारी पर बिना सत्यापन के भरोसा न करें और नौकरी या भर्ती के नाम पर पैसे न दें।
