एचएनएलयू रायपुर में ‘कोलॉसस 2025’ का भव्य समापन, न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव ने दी जीवन दर्शन की सीख

HNLU Raipur Colossus 2025। हिदायतुल्लाह राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय (एचएनएलयू) में आयोजित तीन दिवसीय वार्षिक महोत्सव ‘कोलॉसस 2025: स्पोर्ट्स | कल्चरल | लिटरेरी’ का रविवार को भव्य समापन हुआ।
समारोह के मुख्य अतिथि न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव, अध्यक्ष, राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) एवं पूर्व मुख्य न्यायाधीश, कोलकाता उच्च न्यायालय थे।

दरअसल, अपने प्रेरक संबोधन में न्यायमूर्ति श्रीवास्तव ने कहा कि जीवन एक पेंसिल की तरह है — जो अंदर है वही असली है; निखरने के लिए घिसना पड़ता है; हर निशान मायने रखता है; गलतियाँ सुधारी जा सकती हैं; और असली मूल्य उस हाथ में है जो उद्देश्यपूर्ण हो।
उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों की सच्ची उपलब्धि प्रमाणपत्रों में नहीं, बल्कि आत्मविश्वास, टीमवर्क और सीखने की प्रक्रिया में है।


🏅 तीन दिन तक चला खेल, संस्कृति और साहित्य का उत्सव

तीन दिनों तक चले इस आयोजन में खेल, संस्कृति और साहित्य के विविध कार्यक्रमों ने प्रतिस्पर्धा, सृजनशीलता और सहयोग की भावना को साकार किया।
विशिष्ट अतिथि श्री अरुण देव गौतम, महानिदेशक, छत्तीसगढ़ पुलिस ने कहा कि ऐसे आयोजन कक्षा से बाहर सीखने के अवसर प्रदान करते हैं।
उन्होंने कहा, “यहाँ निभाई गई हर भूमिका एक सबक है, जो शिक्षक नहीं बल्कि अनुभव सिखाता है।”


🎯 कुलपति का संदेश: ‘कोलॉसस एक दर्शन है’

कुलपति प्रो. वी.सी. विवेकानंदन ने कहा कि “कोलॉसस केवल एक फेस्ट नहीं, बल्कि एक दर्शन है — जो सहानुभूति, सहयोग और पारस्परिक सम्मान की शिक्षा देता है।”
उन्होंने कहा कि खेल धैर्य और दृढ़ता सिखाते हैं, सांस्कृतिक गतिविधियाँ विविधता को प्रोत्साहित करती हैं, और साहित्य संवाद की कला को निखारता है।
वहीं उन्होंने विद्यार्थियों से कहा, “Don’t cry because it’s over; smile because it happened.”


🏆 प्रतियोगिताओं और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने बढ़ाया उत्साह

कन्वीनर उत्कर्ष सोनी ने बताया कि इस वर्ष 114 से अधिक कॉलेजों ने भाग लिया।
आईएमयूएनवाईपी 2025 के सचिव हर्ष ने कहा कि 235 प्रतिनिधियों की भागीदारी और संयुक्त राष्ट्र की मान्यता आयोजन की सफलता का प्रमाण है।

इस बीच, डी.जे. अर्पित, जस्करन, डॉक्स और बैगी मुंडा की ऊर्जावान प्रस्तुतियों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
संगीत और युवा उत्साह से सराबोर इन रातों ने एचएनएलयू परिसर को उल्लास और एकता के केंद्र में बदल दिया।


🌟 आयोजन ने दी नई पहचान

‘कोलॉसस 2025’ ने एचएनएलयू की जीवंत संस्कृति और समावेशी भावना को नई पहचान दी।
यह मंच प्रतिस्पर्धा, सहयोग, अभिव्यक्ति और आनंद को एक सूत्र में जोड़ते हुए विश्वविद्यालय के इतिहास में एक स्वर्णिम अध्याय जोड़ गया।

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