Haryana DGP Shatrujeet Kapur छुट्टी पर भेजे गए, IPS Y. Puran Kumar आत्महत्या मामले में कार्रवाई की मांग तेज

चंडीगढ़: हरियाणा में वरिष्ठ IPS अधिकारी वाई. पुरन कुमार आत्महत्या मामले (Haryana DGP Shatrujeet Kapur IPS Y. Puran Kumar suicide case) ने सियासी और प्रशासनिक हलचल मचा दी है। बढ़ते जनदबाव और परिवार की सख्त मांगों के बीच राज्य सरकार ने मंगलवार को हरियाणा के पुलिस महानिदेशक (DGP) शत्रुजीत कपूर को छुट्टी पर भेज दिया है। मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार राजीव जैतली ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि “DGP को छुट्टी पर भेजा गया है, औपचारिक आदेश जल्द जारी होगा।”

यह घटना 7 अक्टूबर की है, जब 2001 बैच के IPS अधिकारी वाई. पुरन कुमार (52) का शव चंडीगढ़ स्थित उनके आवास में गनशॉट जख्म के साथ मिला था। वे उस समय पुलिस ट्रेनिंग सेंटर, सुनारिया (रोहतक) में पुलिस महानिरीक्षक (IG) के पद पर पदस्थ थे।

मामले को आठ दिन बीत चुके हैं, लेकिन अब तक शव का पोस्टमॉर्टम नहीं हो पाया है, क्योंकि परिवार ने यह साफ कर दिया है कि जब तक दो वरिष्ठ अधिकारियों — DGP शत्रुजीत कपूर और पूर्व रोहतक SP नरेंद्र बिजारणिया — की गिरफ्तारी नहीं होगी, वे पोस्टमॉर्टम की अनुमति नहीं देंगे।

इस बीच, हरियाणा सरकार के कई अधिकारी अमनीत पी. कुमार, जो दिवंगत अधिकारी की पत्नी और एक वरिष्ठ IAS अधिकारी हैं, से उनके सरकारी आवास पर मिलने पहुंचे। बताया जा रहा है कि वे परिवार को पोस्टमॉर्टम के लिए राज़ी करने की कोशिश कर रहे हैं।

दूसरी ओर, कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी मंगलवार (14 अक्टूबर) को वाई. पुरन कुमार के परिवार से मुलाकात करने वाले हैं। इससे पहले कई राजनीतिक दलों के नेता भी परिवार के समर्थन में पहुंचे थे।

चंडीगढ़ पुलिस ने सोमवार को बताया कि मामले की जांच कर रही विशेष जांच टीम (SIT) ने मृतक की पत्नी को एक पत्र भेजा है, जिसमें उनसे “शव की पहचान कर पोस्टमॉर्टम (PME) की प्रक्रिया पूरी कराने” का अनुरोध किया गया है, ताकि जांच में तेजी लाई जा सके।

पोस्टमॉर्टम में देरी को लेकर पुलिस ने कहा कि “बिना PME के कई जरूरी पहलुओं की पुष्टि नहीं हो पा रही है।” साथ ही, चंडीगढ़ पुलिस ने हरियाणा सरकार से भी जांच के लिए आवश्यक दस्तावेज जल्द उपलब्ध कराने को कहा है।

सबसे अहम बात यह है कि दिवंगत अधिकारी की जेब से मिला एक “फाइनल नोट” इस पूरे मामले को नई दिशा दे रहा है। उस नोट में उन्होंने दो वरिष्ठ IPS अधिकारियों — DGP शत्रुजीत कपूर और पूर्व रोहतक SP नरेंद्र बिजारणिया — का नाम लेते हुए उनके द्वारा “मानसिक उत्पीड़न और छवि खराब करने” की बात लिखी थी।

परिवार का कहना है कि यही बातें “आत्महत्या के ट्रिगर पॉइंट्स” बनीं।

इस बीच, ‘जस्टिस फॉर वाई. पुरन कुमार’ नाम से 31 सदस्यों की एक समिति बनाई गई है, जिसने साफ कहा है कि “जब FIR दर्ज हो चुकी है, तो आरोपियों की गिरफ्तारी में देरी क्यों की जा रही है?” समिति के सदस्य गुरमेल धाबी ने कहा, “सिर्फ FIR से न्याय नहीं मिलेगा, जब तक आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होगी।

इस पूरे घटनाक्रम ने हरियाणा की राजनीति और पुलिस महकमे को झकझोर कर रख दिया है। अब सबकी निगाहें सरकार और SIT की अगली कार्रवाई पर टिकी हैं।

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