रायपुर, 13 अक्टूबर 2025।
छत्तीसगढ़ की आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (EOW) ने सोमवार को रायपुर की विशेष PMLA अदालत में एक 7,500 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की है। यह चार्जशीट ₹32 करोड़ के भूमि मुआवजा घोटाले से जुड़ी है, जिसमें कई वरिष्ठ राजस्व अधिकारी और निजी दलाल शामिल हैं।
EOW प्रमुख अमरेश मिश्रा के अनुसार, मामला अपराध क्रमांक 30/2025 के तहत दर्ज किया गया था। इसमें भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 (संशोधित 2018) और IPC की गंभीर धाराओं में कार्रवाई की गई है।
चार्जशीट में जिन सरकारी अधिकारियों और निजी व्यक्तियों को आरोपी बनाया गया है, उनमें गोपाल राम वर्मा, नरेंद्र कुमार नायक, उमा तिवारी, केदार तिवारी, हरमीत सिंह खनूजा, विजय कुमार जैन, खेमराज कौशले, पुनुराम देशलहरे, भोजराम साहू और कुंदन बघेल के नाम शामिल हैं।
🔹 धोखाधड़ी के तीन मुख्य घटक
जांच में यह सामने आया कि रायपुर–विशाखापट्टनम राष्ट्रीय राजमार्ग (Bharat Mala Project) के तहत नईकबंधा, तोकारो और उरला गांवों में भूमि अधिग्रहण के दौरान तीन बड़े स्तर की हेराफेरी की गई—
- फर्जी नामांतरण और विभाजन: राजस्व अधिकारियों और दलालों द्वारा पुराने रिकॉर्ड में बैकडेटेड एंट्री कराई गईं।
- दोहरे मुआवजे का भुगतान: पहले से अधिग्रहित भूमि के लिए दोबारा भुगतान किया गया।
- फर्जी दस्तावेजों के जरिए भूमि हड़पना: उमा तिवारी के नाम पर नकली कागजात बनाकर करोड़ों की राशि निकाली गई।
इन हेराफेरियों से राज्य को कुल ₹32 करोड़ का नुकसान हुआ —
- ₹28 करोड़ फर्जी विभाजन से,
- ₹2 करोड़ दोहरे भुगतान से,
- ₹2 करोड़ फर्जी हस्तांतरण से।
🔹 राजस्व अधिकारी और दलालों की मिलीभगत
EOW ने पाया कि राजस्व अधिकारियों ने बिचौलियों से सांठगांठ कर किसानों को अधिक मुआवजे का लालच दिया। हरमीत सिंह खनूजा और उसके सहयोगियों ने किसानों से खाली चेक और RTGS फॉर्म लेकर उनके नाम पर फर्जी दस्तावेज तैयार किए और रकम को अपने खातों में ट्रांसफर कराया।
🔹 कई आरोपी अब भी फरार
EOW ने बताया कि कई अधिकारी जैसे — निर्भय साहू (पूर्व SDM, अभनपुर), दिनेश पटेल (पटवारी), रोशन लाल वर्मा (राजस्व निरीक्षक), शशिकांत कुर्रे (तहसीलदार), जीतेन्द्र साहू (पटवारी), बसंती घृतलहरे (पटवारी), लखेश्वर प्रसाद किरण (नायब तहसीलदार) और लेखराम देवांगन (पटवारी) — अब भी फरार हैं। उनके खिलाफ पूरक चार्जशीट दायर की जाएगी।
🔹 समानांतर जांच जारी
EOW सूत्रों के अनुसार, घोटाले का दायरा और बड़ा हो सकता है। अन्य गांवों के भूमि अधिग्रहण दस्तावेजों की जांच जारी है। प्राथमिक जांच में यह भी संकेत मिले हैं कि यह घोटाला ‘भारतमाला परियोजना’ के कई जिलों में फैला हुआ है।
अधिकारियों का कहना है कि यह मुआवजा वितरण में धांधली का सबसे बड़ा मामला है, जिसमें राजस्व विभाग के अंदरूनी नेटवर्क ने सरकारी धन को निजी खातों में पहुंचाया।
EOW की चार्जशीट दाखिल होने के बाद अब अदालत में मुकदमे की कार्यवाही शुरू होने की उम्मीद है।
