रायपुर:
छत्तीसगढ़ की राजनीति में एक बार फिर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है।
Chhattisgarh coal scam EOW fake statement case में कांग्रेस ने राज्य की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया कि कोयला घोटाले के आरोपी सूर्यकांत तिवारी की जमानत सुनवाई के दौरान, एजेंसी ने सुप्रीम कोर्ट में एक फर्जी बयान (Fake Statement) पेश किया।
⚖️ “फर्जी बयान कोर्ट में पेश किया गया” — भूपेश बघेल
भूपेश बघेल ने कहा कि सह-आरोपी निखिल चंद्राकर के नाम से दाखिल यह दस्तावेज सीआरपीसी की धारा 164 के तहत दर्ज बयान के रूप में पेश किया गया, लेकिन उसकी सच्चाई कुछ और है।
उन्होंने बताया —
“दस्तावेज में प्रयुक्त फ़ॉन्ट अदालत के आधिकारिक फ़ॉन्ट से पूरी तरह अलग था। यह बयान अदालत में टाइप नहीं किया गया, बल्कि पहले से तैयार कर पेन ड्राइव में लाकर पेश किया गया। यह कानून के विरुद्ध है।”
🧾 फोरेंसिक जांच में दो अलग-अलग फॉण्ट मिले
कांग्रेस नेता ने दावा किया कि फोरेंसिक जांच में दस्तावेज़ में दो अलग-अलग फ़ॉन्ट पाए गए हैं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि यह बयान अदालत में तैयार नहीं किया गया था।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता और अधिवक्ता गिरीश चंद्र देवांगन ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट रायपुर के समक्ष शिकायत दर्ज कर EOW/ACB के तीन अधिकारियों पर आपराधिक कार्रवाई की मांग की है।
📜 राजनीतिक इशारे पर काम कर रही जांच एजेंसियां — बघेल
भूपेश बघेल ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि
“ईडी, सीबीआई, आयकर विभाग और अब ईओडब्ल्यू जैसी एजेंसियां अपने राजनीतिक आकाओं के इशारे पर काम कर रही हैं। विपक्षी दलों के खिलाफ झूठे केस गढ़े जा रहे हैं।”
उन्होंने यह भी बताया कि इस शिकायत को 12 सितंबर को छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार के समक्ष भी प्रस्तुत किया गया था।
🧠 कांग्रेस बोली — “लोकतंत्र को कमजोर करने की साजिश”
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि यह पूरा मामला राजनीतिक प्रतिशोध का हिस्सा है।
दीपक बैज ने कहा कि
“जब सरकार विरोधी आवाज़ों को दबाने के लिए फर्जी दस्तावेज बनाए जाएं, तो यह लोकतंत्र की जड़ें कमजोर करने जैसा है।”

📉 क्या है कोयला घोटाला मामला?
छत्तीसगढ़ में सामने आए इस कोयला परिवहन घोटाले में कई कारोबारी, अधिकारी और राजनीतिक व्यक्ति जांच के दायरे में हैं।
ईडी और ईओडब्ल्यू की जांच के अनुसार, कोयला परिवहन से करोड़ों रुपए की अवैध उगाही की गई थी।
हालांकि कांग्रेस इसे “राजनीतिक बदले की कार्रवाई” बताती रही है।
🌟 निष्कर्ष
छत्तीसगढ़ में Chhattisgarh coal scam EOW fake statement case के आरोपों ने राज्य की सियासत को फिर गरमा दिया है।
जहां कांग्रेस एजेंसियों पर फर्जी दस्तावेज पेश करने का आरोप लगा रही है, वहीं सरकार समर्थक पक्ष इसे राजनीतिक नाटक करार दे रहा है।
अब सबकी नजरें सुप्रीम कोर्ट और जांच एजेंसियों की आगे की कार्रवाई पर टिकी हैं।
