दंतेवाड़ा (Chhattisgarh):
प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर दंतेवाड़ा जिले में अब रोमांच और साहसिक पर्यटन का नया अध्याय शुरू हो गया है। Bamboo rafting Kumharrash Dam Dantewada परियोजना के तहत कुम्हाररास बांध में बैंबू राफ्टिंग की शुरुआत की गई है। इस इको-टूरिज्म पहल का शुभारंभ प्रदेश के वन मंत्री केदार कश्यप ने किया।
इस अवसर पर विधायक चैतराम अतामी और जिला पंचायत अध्यक्ष नंदलाल मुड़ामी भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम स्थल पर स्थानीय कलाकारों ने पारंपरिक स्वागत गीतों के साथ माहौल को जीवंत बना दिया।
🌿 हरी वादियों के बीच सैलानियों के लिए नया अनुभव
कुम्हाररास बांध में शुरू हुई बैंबू राफ्टिंग पूरी तरह प्राकृतिक वातावरण में की जाएगी।
स्थानीय कारीगरों द्वारा तैयार की गई बांस की नावें न सिर्फ पर्यावरण अनुकूल हैं, बल्कि स्थानीय कला और रोजगार को भी बढ़ावा देती हैं।
सैलानी अब यहां की हरियाली, जलाशय की सुंदरता और घने जंगलों की शांति का आनंद राफ्टिंग के दौरान नजदीक से उठा सकेंगे।

🗣️ वन मंत्री केदार कश्यप बोले — “इको-टूरिज्म बनेगा आजीविका का माध्यम”
वन मंत्री केदार कश्यप ने कहा —
“कुम्हाररास बांध की बैंबू राफ्टिंग परियोजना से स्थानीय युवाओं को रोजगार और प्रशिक्षण मिलेगा। दंतेवाड़ा के प्राकृतिक और धार्मिक स्थलों को जोड़कर एक सशक्त पर्यटन सर्किट तैयार किया जा रहा है।”
उन्होंने बताया कि सरकार का उद्देश्य पर्यटन को ग्रामीण विकास और आजीविका से जोड़ना है ताकि हर गांव को इसका सीधा लाभ मिल सके।
🏞️ वन विभाग और प्रशासन की संयुक्त पहल
दंतेवाड़ा कलेक्टर कुणाल दुदावत ने बताया कि यह परियोजना वन विभाग और जिला प्रशासन की संयुक्त पहल है।
इसके तहत जिले में जंगल सफारी, ट्रेकिंग, होमस्टे और स्थानीय सांस्कृतिक कार्यक्रमों को भी विकसित किया जा रहा है।
“हम चाहते हैं कि सैलानी सिर्फ प्रकृति देखें नहीं, बल्कि स्थानीय संस्कृति को महसूस करें,” — कलेक्टर कुणाल दुदावत
🛕 धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन को भी बल
दंतेवाड़ा जिले में ढोलकल गणेशजी मंदिर, बारसूर के प्राचीन मंदिर और दंतेश्वरी मंदिर के जीर्णोद्धार कार्य जारी हैं।
इनसे धार्मिक पर्यटन को भी नई गति मिल रही है, जिससे इको-टूरिज्म और हेरिटेज टूरिज्म दोनों को एक साथ जोड़ा जा रहा है।
✨ “दंतेवाड़ा के विकास की नई दिशा” — चैतराम अतामी
विधायक चैतराम अतामी ने कहा कि कुम्हाररास बांध में शुरू हुई यह पहल दंतेवाड़ा को आर्थिक, सांस्कृतिक और पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी।
“यह परियोजना न सिर्फ सैलानियों के लिए आकर्षण बनेगी, बल्कि स्थानीय युवाओं के जीवन में स्थायी परिवर्तन भी लाएगी,” — चैतराम अतामी
🌄 निष्कर्ष
Bamboo rafting Kumharrash Dam Dantewada परियोजना दंतेवाड़ा जिले के पर्यटन मानचित्र में एक नई चमक जोड़ने जा रही है।
इको-टूरिज्म, स्थानीय रोजगार और पर्यावरण संरक्षण को एक साथ जोड़ने वाली यह पहल आने वाले समय में छत्तीसगढ़ के लिए एक आदर्श मॉडल बन सकती है।
