Coldrif सिरप कांड: डॉक्टर प्रवीन सोनी की जमानत खारिज, बच्चों की मौतों पर अदालत ने कहा- आरोप गंभीर हैं

छिंदवाड़ा, मध्य प्रदेश |
Coldrif syrup deaths case में गिरफ्तार बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रवीन सोनी की जमानत याचिका को अदालत ने खारिज कर दिया है। परासिया सिविल कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश गौतम कुमार गुजरे ने आदेश में कहा कि डॉक्टर ने चार साल से कम उम्र के बच्चों को वह दवा दी जो स्वास्थ्य महानिदेशालय के दिशानिर्देशों का उल्लंघन था।

अदालत ने यह भी माना कि जांच अभी अधूरी है और आरोप गंभीर प्रकृति के हैं। इसलिए नियमित जमानत देने से इनकार किया गया।


⚖️ अदालत ने क्या कहा?

अदालत के अनुसार, Coldrif cough syrup के सेवन से कई बच्चों की मौत हुई है और यह मामला जनस्वास्थ्य से जुड़ा गंभीर अपराध है। जांच पूरी होने तक आरोपी को रिहा करना उचित नहीं होगा।


👶 मौतों ने मचाई थी सनसनी

मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में कम से कम 24 बच्चों की मौत Coldrif syrup पीने के बाद हुई थी। जांच में पाया गया कि सिरप में ज़हरीला रसायन डाइएथिलीन ग्लाइकॉल अत्यधिक मात्रा में मौजूद था।
राज्य सरकार ने इस मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल (SIT) गठित की है।


🧪 डॉक्टर और फार्मा कंपनी पर आरोप

डॉ. सोनी के साथ तमिलनाडु स्थित Sresan Pharmaceuticals के मालिक गोविंदन रंगनाथन को भी गिरफ्तार किया गया है। पुलिस के अनुसार, डॉक्टर को सिरप लिखने पर 10 प्रतिशत कमीशन मिलता था और उनके रिश्तेदार की मेडिकल दुकान पर वही दवा बेची जाती थी।


🩺 डॉक्टर की दलील

डॉ. सोनी के वकील ने अदालत में कहा कि Coldrif syrup केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) से स्वीकृत दवा थी और इसे बाजार में बेचने की अनुमति थी।
उन्होंने कहा कि डॉक्टर 35-40 वर्षों से सरकारी सेवा में हैं और केवल इलाज के उद्देश्य से दवा लिखी थी। दवा की मिलावट के लिए फार्मा कंपनी जिम्मेदार है।


🧑‍⚖️ सुप्रीम कोर्ट ने भी PIL ठुकराई

इस बीच, सुप्रीम कोर्ट ने 10 अक्टूबर को दायर एक जनहित याचिका (PIL) को खारिज कर दिया जिसमें Coldrif syrup deaths case की स्वतंत्र और न्यायिक निगरानी वाली जांच की मांग की गई थी।


🌍 WHO और IMA की प्रतिक्रिया

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भारत की दवा निगरानी प्रणाली पर “गंभीर चिंता” व्यक्त की है, जबकि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने डॉक्टर की गिरफ्तारी का विरोध किया है। IMA का कहना है कि दवा में मिलावट के लिए निर्माता और नियामक संस्थाएं जिम्मेदार हैं, न कि चिकित्सक।


🧾 निष्कर्ष

Coldrif syrup deaths case ने देशभर में दवा सुरक्षा और डॉक्टरों की जिम्मेदारी पर बड़ा सवाल खड़ा किया है। अदालत के आदेश से यह साफ है कि बच्चों की मौत के इस दर्दनाक मामले की जांच अब और सख्ती से आगे बढ़ेगी।

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