कांकेर (छत्तीसगढ़), 12 अक्टूबर 2025।
छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले से एक अनोखा और भावनात्मक मामला सामने आया है — Love Marriage in Tribal Chhattisgarh का यह किस्सा आज पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गया है। यहां एक आदिवासी युवक की प्रेम शादी अब उसके लिए आफत बन गई है। शादी को तीन साल तक छुपाने वाले इस जोड़े को अब समाज के “मुर्गा पार्टी” नियम का सामना करना पड़ रहा है।
❤️ प्रेम कहानी की शुरुआत खेतों से
यह कहानी है 26 वर्षीय प्रभाष विश्वास और 25 वर्षीय अलीसा पोटामी की। प्रभाष छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले के पखांजुर इलाके के पीवी-101 विष्णुपुर गांव का रहने वाला है, जबकि अलीसा महाराष्ट्र के कसनसूर थाना क्षेत्र के भूमकाम गांव से है।
सीमावर्ती क्षेत्रों के खेतों में काम के दौरान दोनों की मुलाकात हुई थी। कुछ ही दिनों में दोस्ती प्यार में बदल गई और दोनों ने 2022 में बिना किसी को बताए कोर्ट मैरिज कर ली थी।
🔒 तीन साल तक छिपाई शादी
शादी के बाद अलीसा ने नर्सिंग की पढ़ाई के लिए अहेरी चली गई और इस तरह दोनों ने अपने रिश्ते को तीन साल तक छुपाए रखा। लेकिन किस्मत ने तब करवट ली जब हाल ही में अलीसा अपने ससुराल लौट आई।
🕵️♀️ परिवार ने दर्ज करवाई गुमशुदगी
अलीसा के परिवार को जब उसकी जानकारी नहीं मिली, तो उन्होंने महाराष्ट्र के कसनसूर थाने में गुमशुदगी दर्ज करवाई। पुलिस जब प्रभाष के घर पहुंची तो अलीसा ने स्पष्ट कहा —
“मैं बालिग हूं और अपनी मर्जी से प्रभाष के साथ रहना चाहती हूं।”
इस बयान के बाद महाराष्ट्र पुलिस ने मामला बंद कर दिया।
🍗 अब समाज मांग रहा है ‘मुर्गा पार्टी’
अब परेशानी यहीं से शुरू हुई। स्थानीय परंपरा के अनुसार, अगर कोई लड़की अपने समाज के बाहर विवाह करती है, तो दामाद को पूरे समाज को “बकरा-मुर्गा भात” खिलाना पड़ता है।
प्रभाष ने यह रस्म अब तक नहीं निभाई है, जिसके चलते 45 गांवों के करीब 500 लोग उसके घर के बाहर डेरा डाले बैठे हैं। ये लोग दो दिनों से वहीं हैं और “मुर्गा पार्टी” की मांग पर अड़े हुए हैं।
🗣️ समाज की परंपरा या दबाव?
स्थानीय लोगों का कहना है कि यह उनकी पुरानी सामाजिक परंपरा है, जो सम्मान का प्रतीक मानी जाती है। वहीं, प्रभाष के परिवार का मानना है कि यह अब “दबाव” का रूप ले चुकी है और वे आर्थिक रूप से इतनी बड़ी दावत देने की स्थिति में नहीं हैं।
🧭 प्रशासन भी सतर्क
ग्रामीणों की भीड़ बढ़ने के बाद स्थानीय प्रशासन ने स्थिति पर नजर रखी है। पंचायत और पुलिस मिलकर समाधान निकालने की कोशिश कर रहे हैं ताकि मामला शांतिपूर्ण तरीके से सुलझ सके।
📌 निष्कर्ष:
Love Marriage in Tribal Chhattisgarh की यह घटना सिर्फ एक प्रेम कहानी नहीं, बल्कि आदिवासी समाज की परंपराओं और आधुनिक सोच के बीच टकराव की झलक भी पेश करती है। प्रेम की यह कहानी अब सामाजिक परंपरा के इम्तिहान से गुजर रही है।
