नक्सल प्रभावित बांगुली गांव पहुंचे कलेक्टर संबित मिश्रा, 5 किमी पैदल चलकर सुनीं ग्रामीणों की समस्याएं और बताया विकास का रोडमैप

बीजापुर, 12 अक्टूबर 2025 Collector Sambit Mishra Banguli Village Visit।
नक्सल प्रभावित इलाकों में विकास की गूंज अब सुनाई देने लगी है। बीजापुर कलेक्टर संबित मिश्रा ने शनिवार को अपने समर्पण और कर्तव्यनिष्ठा का उदाहरण पेश करते हुए भैरमगढ़ ब्लॉक के सुदूर बांगुली गांव का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने 5 किलोमीटर पैदल चलकर और इंद्रावती नदी पार करके ग्रामीणों से मुलाकात की।

कलेक्टर मिश्रा ने गांव पहुंचकर ग्रामीणों को शासन की योजनाओं की जानकारी दी और भरोसा दिलाया कि अब विकास की रोशनी बांगुली जैसे सुदूर इलाकों तक पहुंचेगी। उन्होंने कहा कि “अब सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य और आजीविका के क्षेत्र में कोई ग्रामीण पीछे नहीं रहेगा।”

🚶‍♂️ विकास के लिए समर्पण का उदाहरण

कलेक्टर संबित मिश्रा का यह दौरा प्रशासन की जनसेवा के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उन्होंने बांगुली गांव में नव स्थापित सुरक्षा कैम्प का निरीक्षण किया और सुरक्षा बलों से चर्चा की। उन्होंने कहा कि सुरक्षा और विकास दोनों एक-दूसरे के पूरक हैं, और प्रशासन हर गांव तक योजनाओं को पहुंचाने के लिए निरंतर कार्यरत है।

💬 ग्रामीणों से संवाद और भरोसा

कलेक्टर मिश्रा ने ग्रामीणों से बातचीत करते हुए उनकी समस्याओं और सुझावों को सुना। उन्होंने कहा कि शासन की प्राथमिकता अब सुदूर अंचलों में भी बुनियादी सुविधाएं पहुंचाना है। ग्रामीणों ने प्रशासनिक दल के स्वागत में खुशी जाहिर की और कहा कि पहली बार कोई अधिकारी उनके गांव तक पैदल पहुंचा है।

🏠 योजनाओं का लाभ और निर्माण कार्य

निरीक्षण के दौरान जिला पंचायत सीईओ ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पात्र परिवारों को पक्के मकान दिए जा रहे हैं। साथ ही, नवीन आंगनबाड़ी भवन निर्माण से बच्चों को पोषण और प्रारंभिक शिक्षा की सुविधा मिलेगी।

🛡️ प्रशासनिक टीम की मौजूदगी

इस दौरे में जनपद पंचायत सीईओ, तहसीलदार, विभिन्न विभागों के अधिकारी और पीआरओ भी उपस्थित रहे। कलेक्टर ने कहा कि “इंद्रावती पार के इलाकों में अब नियत नेल्लानार योजना के तहत तेजी से काम हो रहा है। प्रशासन और सुरक्षा बल मिलकर विकास की नई कहानी लिख रहे हैं।”

🌾 निष्कर्ष

कलेक्टर संबित मिश्रा का यह Banguli Village Visit न केवल प्रशासनिक दृष्टि से ऐतिहासिक रहा, बल्कि इसने ग्रामीणों के मन में यह विश्वास भी जगाया कि शासन अब वास्तव में “विकास को अंतिम छोर तक पहुंचाने” के मिशन पर अग्रसर है।

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