रायपुर, 09 अक्टूबर 2025।
भारत सरकार सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय की अतिरिक्त सचिव सुश्री कैरेलिन खोंगवार देशमुख ने आज आकांक्षी जिला कांकेर का दौरा किया। अपने प्रवास के दौरान उन्होंने जिले में स्थापित मावा मोदोल कोचिंग संस्थान, सेंट्रल लाइब्रेरी और शासकीय श्रवण एवं दृष्टिबाधितार्थ विशेष विद्यालय कोदाभाट का निरीक्षण किया।
उनका यह दौरा न केवल प्रशासनिक समीक्षा के लिए था, बल्कि उन्होंने बच्चों और युवाओं से सीधा संवाद कर उनकी शिक्षा और करियर निर्माण की दिशा में प्रेरणा भी दी।
📚 सेंट्रल लाइब्रेरी में छात्रों से बातचीत
सुश्री देशमुख ने कांकेर की सेंट्रल लाइब्रेरी का निरीक्षण किया और वहां उपस्थित विद्यार्थियों से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि इस तरह की आधुनिक लाइब्रेरी ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों के युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत हैं।
इस लाइब्रेरी का उद्देश्य स्थानीय छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए उपयुक्त अध्ययन वातावरण और आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराना है।
उन्होंने लाइब्रेरी के विजिटर्स रजिस्टर में हस्ताक्षर करते हुए इस पहल की सराहना की और कहा कि “कांकेर के युवाओं में शिक्षा के प्रति जो उत्साह है, वह क्षेत्र के भविष्य को उज्जवल बनाएगा।”
🎓 मावा मोदोल कोचिंग संस्थान की सराहना
इसके बाद सुश्री देशमुख मावा मोदोल कोचिंग संस्थान पहुंचीं, जहां उन्होंने अध्ययनरत छात्रों से चर्चा की। यह संस्थान सुदूर आदिवासी अंचल के युवाओं को CGPSC, SSC, व्यापम, और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए मार्गदर्शन प्रदान करता है।
उन्होंने कहा —
“कांकेर जैसे जिलों में इस तरह के कोचिंग संस्थान युवाओं की दिशा बदल सकते हैं। शिक्षा और मार्गदर्शन के माध्यम से यहां के छात्र प्रदेश ही नहीं, देश-विदेश में अपनी पहचान बना सकते हैं।”
सुश्री देशमुख ने विद्यार्थियों को कड़ी मेहनत, अनुशासन और आत्मविश्वास के साथ अपने सपनों को साकार करने का संदेश दिया।

💖 मूक-बधिर और दृष्टिबाधित बच्चों के बीच भावनात्मक पल
कांकेर प्रवास के दौरान उन्होंने ग्राम कोदाभाट स्थित विशेष विद्यालय का भी दौरा किया। यहां श्रवण और दृष्टिबाधित बच्चों ने साइन लैंग्वेज के माध्यम से उनका स्वागत किया। बच्चों द्वारा बनाई गई सुंदर पेंटिंग्स देखकर सुश्री देशमुख भावुक हो गईं।
यह विद्यालय 50 सीटर है, जिसमें वर्तमान में 45 छात्र अध्ययनरत हैं — इनमें 33 श्रवण बाधित और 12 दृष्टिबाधित हैं। विद्यालय में निःशुल्क आवास और भोजन की सुविधा उपलब्ध है।
उन्होंने यहां के शिक्षकों और प्रशासनिक अधिकारियों से चर्चा कर कहा कि —
“दिव्यांग बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ कला, खेल और तकनीकी प्रशिक्षण देना जरूरी है, ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें।”
🌈 स्मार्ट क्लास की योजना और प्रेरणादायक संदेश
सुश्री देशमुख ने बताया कि जल्द ही इस विद्यालय में स्मार्ट क्लासेस शुरू करने की योजना है। उन्होंने कहा कि इस तरह की पहलें विशेष बच्चों के लिए नई संभावनाओं के द्वार खोलती हैं।
उन्होंने छात्रों के साथ समय बिताया और उन्हें उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं दीं।
