बालोद, 09 अक्टूबर 2025 Chhattisgarh CM Vishnu Deo Sai Jamdi Pateshwar Dham visit।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बुधवार को अपने परिवार सहित बालोद जिले के डोंडी लोहारा ब्लॉक स्थित जमदी पतेश्वर धाम पहुंचकर संत राजयोगी रामजानकी दास महात्यागी को श्रद्धांजलि अर्पित की।
यह दौरा सिर्फ एक धार्मिक यात्रा नहीं था, बल्कि आध्यात्मिकता और सुशासन के संगम का प्रतीकात्मक संदेश भी था।
✨ संतों का आशीर्वाद, सुशासन की राह
मुख्यमंत्री साय ने संत महात्माओं के आशीर्वाद को राज्य की प्रगति की सबसे बड़ी ताकत बताया।
उन्होंने कहा —
“संतों के आशीर्वाद से छत्तीसगढ़ आज समृद्धि की ओर बढ़ रहा है। राज्य में नक्सलवाद का खात्मा लगभग तय है और शांति, विकास व नैतिकता का वातावरण स्थापित हो रहा है।”
साय ने यह भी कहा कि राज्य में जो स्थिरता और सकारात्मक माहौल दिखाई दे रहा है, वह संतों की प्रेरणा और आध्यात्मिक मूल्यों के कारण संभव हुआ है।
💬 संत महात्यागी से जुड़ी आत्मीय स्मृतियाँ
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में संत राजयोगी रामजानकी दास महात्यागी के साथ बिताए वर्षों को याद करते हुए कहा —
“मैंने वर्षों तक उनके साथ चलने और सीखने का सौभाग्य पाया। आज भी उनकी शिक्षाएँ हमारे जीवन और प्रशासन दोनों में मार्गदर्शन करती हैं। मेरी इच्छा है कि मेरे बच्चे भी उनके आशीर्वाद और मूल्यों का अनुसरण करें।”
🧭 राजनीतिक जवाब भी दिया विपक्ष को
अपने भाषण में CM साय ने विपक्ष द्वारा लगाए जा रहे आरोपों का भी जवाब दिया।
उन्होंने कहा कि पूर्व सरकार ने 36 वादे किए थे, जिनमें से कोई भी पूरा नहीं हुआ।
“अब जब केंद्र के गृहमंत्री राज्य का दौरा करते हैं, तो विपक्ष इसे उद्योगपतियों से जोड़कर अफवाहें फैलाता है। यह केवल राजनीतिक रट है, सच्चाई से कोई संबंध नहीं,” उन्होंने कहा।
🛕 ‘कौशल्या धाम’ से बढ़ रहा छत्तीसगढ़ का गौरव
इस अवसर पर पतेश्वर धाम के मुख्य पुजारी बाबा बालक दास ने भी मुख्यमंत्री का स्वागत किया।
उन्होंने बताया कि चंदखुरी स्थित ‘कौशल्या धाम’ आज राज्य, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आकर्षण का केंद्र बन चुका है।
“मुख्यमंत्री का यह दौरा हमारी आध्यात्मिक परंपरा को बल देने वाला है। वैष्णव समाज के उत्थान के लिए यह एक प्रेरणादायी क्षण है,” बाबा बालक दास ने कहा।
🌱 विकास और अध्यात्म का संगम
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का यह दौरा केवल श्रद्धा का नहीं, बल्कि उनके ‘आध्यात्मिक विकास मॉडल’ की झलक भी दिखाता है —
एक ऐसा मॉडल, जिसमें नैतिकता, आस्था और प्रशासनिक दक्षता एक साथ चलते हैं।
साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार यह संदेश दे रही है कि राज्य का विकास केवल भौतिक नहीं, बल्कि आध्यात्मिक समृद्धि से भी जुड़ा है।
