बिलासपुर (हिमाचल प्रदेश), 08 अक्टूबर 2025 Bilaspur landslide bus accident Himachal Pradesh।
हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले में मंगलवार शाम एक भीषण भूस्खलन की चपेट में आने से एक निजी बस पूरी तरह दब गई। हादसे में अब तक 15 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि कई अन्य यात्री अब भी मलबे में फंसे हुए हैं।
बस में 30 से 35 यात्री सवार थे, जो मरोतन से घुमारविन की ओर जा रही थी। हादसा झंडूत्ता विधानसभा क्षेत्र के भालूघाट इलाके में हुआ, जहां अचानक पहाड़ का एक बड़ा हिस्सा बस पर आ गिरा।
स्थानीय पुलिस अधिकारी ने बताया,
“पूरा पहाड़ बस के ऊपर आ गिरा, ऐसे में यात्रियों के बचने की संभावना बहुत कम है।”
अब तक तीन लोगों, जिनमें दो बच्चे शामिल हैं, को मलबे से जीवित निकाला गया है। सभी घायलों को घुमारविन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और झंडूत्ता अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

घटना की सूचना मिलते ही एनडीआरएफ टीम, पुलिस और स्थानीय प्रशासन ने मौके पर पहुंचकर राहत व बचाव कार्य शुरू किया। भारी मशीनों और खुदाई उपकरणों की मदद से मलबा हटाने का काम जारी है। स्थानीय लोगों ने भी बचाव दल की मदद में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
अधिकारियों का कहना है कि पिछले दो दिनों से जारी लगातार बारिश के कारण पहाड़ी ढलान कमजोर हो गई थी, जिससे यह हादसा हुआ।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया और कहा कि,
“भालूघाट (भल्ला ब्रिज) के पास हुए इस भयानक भूस्खलन की खबर से मैं अत्यंत दुखी हूं। बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी है और प्रशासन को पूरी ताकत से राहत कार्य करने के निर्देश दिए गए हैं।”
उन्होंने बताया कि वे स्थानीय प्रशासन से लगातार संपर्क में हैं और हर पल की जानकारी ले रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी हादसे पर दुख जताते हुए मृतकों के परिजनों को 2 लाख रुपये और घायलों को 50,000 रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की।
पीएमओ की ओर से जारी बयान में कहा गया,
“बिलासपुर में हुए इस दुखद हादसे से मन व्यथित है। मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं।”

⚠️ मुख्य बिंदु:
- बिलासपुर जिले के भालूघाट क्षेत्र में भूस्खलन से बस दब गई
- अब तक 15 की मौत, कई यात्री मलबे में फंसे
- एनडीआरएफ और पुलिस की टीम युद्धस्तर पर बचाव में जुटी
- मुख्यमंत्री सुक्खू और प्रधानमंत्री मोदी ने जताया दुख
- लगातार बारिश से कमजोर हुई थी पहाड़ी ढलान
