रायपुर, 7 अक्टूबर 2025 Vishnudev Sai at Maa Kaushalya Dham Balod।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि यह प्रदेश भगवान श्रीराम की मातृभूमि और ननिहाल दोनों होने का सौभाग्य रखता है। उन्होंने कहा कि प्रभु श्रीराम ने अपने 14 वर्षों के वनवास का अधिकांश समय छत्तीसगढ़ की पावन भूमि पर व्यतीत किया, जिससे यह धरती भक्ति, त्याग और मर्यादा की दिव्यता से आलोकित हुई।
मुख्यमंत्री साय बालोद जिले के डौंडीलोहारा विकासखंड के ग्राम बड़े जुंगेरा स्थित माँ कौशल्या धाम, जामड़ी पाटेश्वर आश्रम में आयोजित श्रद्धांजलि सभा को संबोधित कर रहे थे।
🌺 संत महापुरुषों को श्रद्धांजलि
मुख्यमंत्री साय ने संत श्री रामकृष्णदास महात्यागी और संत श्री रामजानकीदास महात्यागी के समाधि स्थल पर पहुंचकर श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा —
“इन दोनों महापुरुषों के त्याग, तप और सेवा ने छत्तीसगढ़ की इस भूमि को पवित्र बना दिया है। उनके जीवन से प्रेरणा लेकर हम समाज और राष्ट्र की दिशा में नई रोशनी फैलाने का संकल्प लेते हैं।”
साय ने कहा कि बाबाजी तेजस्वी साधक और सेवा व अध्यात्म के प्रतीक रहे हैं, जिन्होंने अपना सम्पूर्ण जीवन मानवता और लोककल्याण के कार्यों को समर्पित किया।
🌾 “भगवान श्रीराम के ननिहाल में आकार ले रहा है छत्तीसगढ़ का गौरव”
मुख्यमंत्री ने कहा कि माँ कौशल्या धाम केवल एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि यह छत्तीसगढ़ की आस्था, संस्कृति और गौरव का प्रतीक बन रहा है।
“भगवान श्रीराम के ननिहाल में आकार ले रहा यह दिव्य धाम आने वाले समय में राज्य की पहचान बनेगा,” उन्होंने कहा।
साय ने संत बालक दास महात्यागी जी से मुलाकात कर निर्माण कार्य की प्रगति की जानकारी ली और इसे शीघ्र पूर्ण कराने का आश्वासन दिया।
🙏 संतों की प्रेरणा समाज की आत्मा
मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे संतों का जीवन समाज की आत्मा है।
“उनके त्याग और तप से हमें सदाचार, सेवा और समर्पण की सीख मिलती है। यही हमारी संस्कृति की असली शक्ति है।”
👥 कार्यक्रम में अनेक जनप्रतिनिधि और श्रद्धालु शामिल
इस अवसर पर कृषि मंत्री रामविचार नेताम, वन मंत्री केदार कश्यप, सांसद भोजराज नाग, विधायक पुरंदर मिश्रा, और बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे। श्रद्धांजलि सभा में धार्मिक वातावरण और भक्ति की भावना चरम पर रही।
