स्टॉकहोम, 6 अक्टूबर 2025 — इस साल का Nobel Prize 2025 in Medicine तीन वैज्ञानिकों — मैरी ई. ब्रंकॉ, फ्रेड रैम्सडेल और शिमोन साकागुची — को उनकी क्रांतिकारी खोज “परिफेरल इम्यून टॉलरेंस” के लिए दिया गया है।
इन तीनों वैज्ञानिकों ने हमारी इम्यून प्रणाली (immune system) के उस रहस्य को सुलझाया, जिससे हमारा शरीर खुद पर हमला नहीं करता। उनके शोध ने यह समझाया कि ऑटोइम्यून बीमारियों से बचाने के लिए शरीर में एक खास सुरक्षा तंत्र मौजूद होता है — जिसे रेगुलेटरी टी सेल्स (Regulatory T Cells) कहा जाता है।
नोबेल कमेटी के चेयरमैन ओले कैमपे ने घोषणा करते हुए कहा,
“इनकी खोजों ने यह समझने में निर्णायक भूमिका निभाई है कि हमारा इम्यून सिस्टम कैसे काम करता है और क्यों हम सभी गंभीर ऑटोइम्यून रोगों से ग्रसित नहीं होते।”
🔬 खोज की कहानी
1995 में जब वैज्ञानिक यह मानते थे कि इम्यून टॉलरेंस केवल ‘सेंट्रल टॉलरेंस’ प्रक्रिया से बनती है, तब शिमोन साकागुची ने पहली बार एक अज्ञात प्रकार की इम्यून कोशिकाओं की खोज की, जो शरीर को खुद के खिलाफ प्रतिक्रिया करने से रोकती हैं।
इसके बाद 2011 में मैरी ब्रंकॉ और फ्रेड रैम्सडेल ने पाया कि एक खास चूहे की नस्ल ऑटोइम्यून रोगों के लिए अधिक संवेदनशील है, क्योंकि उसमें Foxp3 नामक जीन में म्यूटेशन होता है। बाद में उन्होंने सिद्ध किया कि यही जीन मानव में भी गंभीर IPEX नामक रोग का कारण बनता है।
दो साल बाद साकागुची ने इन खोजों को जोड़ा और साबित किया कि Foxp3 जीन उन्हीं कोशिकाओं के विकास को नियंत्रित करता है जिन्हें उन्होंने 1995 में खोजा था। आज ये कोशिकाएँ रेगुलेटरी टी सेल्स के नाम से जानी जाती हैं — जो इम्यून सिस्टम की सुरक्षा प्रहरी हैं।
👩🔬 वैज्ञानिकों के बारे में
- मैरी ई. ब्रंकॉ ने प्रिंसटन विश्वविद्यालय से डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की और वर्तमान में इंस्टीट्यूट फॉर सिस्टम्स बायोलॉजी, सिएटल में सीनियर प्रोग्राम मैनेजर हैं।
- फ्रेड रैम्सडेल अमेरिका की सोनोंमा बायोथेराप्यूटिक्स में वैज्ञानिक सलाहकार हैं।
- शिमोन साकागुची जापान के ओसाका विश्वविद्यालय में इम्यूनोलॉजी फ्रंटियर रिसर्च सेंटर में डिस्टिंग्विश्ड प्रोफेसर हैं।
💰 पुरस्कार और तिथियाँ
इस पुरस्कार के साथ विजेताओं को 11 मिलियन स्वीडिश क्रोनर (लगभग 1.2 मिलियन अमेरिकी डॉलर) की राशि दी जाएगी।
नोबेल समारोह 10 दिसंबर 2025 को आयोजित होगा।
पिछले वर्ष 2024 में, विक्टर एम्ब्रोज़ और गैरी रुवकुन को माइक्रोआरएनए (microRNA) की खोज के लिए नोबेल पुरस्कार मिला था।
इस वर्ष के अन्य नोबेल पुरस्कारों की घोषणा की तिथियाँ भी तय हैं —
- 7 अक्टूबर: भौतिकी
- 8 अक्टूबर: रसायन
- 9 अक्टूबर: साहित्य
- 10 अक्टूबर: शांति
- 13 अक्टूबर: अर्थशास्त्र
🌍 मानवता के लिए खोज
तीनों वैज्ञानिकों की खोज ने मानवता के लिए चिकित्सा विज्ञान में एक नई दिशा खोली है। आज इनके कार्य की वजह से ऑटोइम्यून रोगों, एलर्जी और अंग प्रत्यारोपण अस्वीकृति जैसी स्थितियों को बेहतर ढंग से समझा और नियंत्रित किया जा सकता है।
यह खोज इस बात का सुंदर उदाहरण है कि कैसे वैज्ञानिक जिज्ञासा और समर्पण मानव स्वास्थ्य को एक नई सुरक्षा प्रदान कर सकते हैं।
