दुर्ग (छत्तीसगढ़)। प्रदेश में कोरोना संक्रमण के अपेक्षाकृत कम मामले आने के बाद भी तैयारियां चाक चौबंद रखने विधायक वोरा ने जिला चिकित्सालय दुर्ग की व्यवस्था दुरुस्त करने की मांग रखी है। उन्होंने डॉक्टरों के लिए पीपीई किट्स, मास्क व मरीजों के लिए आइसोलेशन बेड, वेन्टीलेटर्स की उपलब्धता सुनिश्चित करने के अलावा सुझाव देते हुए कहा है कि अंतरराज्यीय सीमाएं खुलने से स्थिति नियंत्रण से बाहर हो सकती है किन्तु जिलों में आर्थिक गतिविधियां चलाना भी आवश्यक है जिसके लिए पर्याप्त सावधानी से कुछ कार्यों को प्रारंभ करवाया जा सकता है लेकिन उसके लिए जरूरी है कि संक्रमण का खतरा रहने तक पूरी सावधानी व सतर्कता बरती जाए।
जिला अस्पताल दुर्ग में भी रैपिड कोरोना टेस्ट किट के साथ ही वेंटिलेटर, आइसोलेशन वार्ड में अधिक बेड उपलब्ध हो। कोरोना संदिग्धों के लिए अलग व सामान्य मरीजों के लिए अलग से ओपीडी का संचालन किया जाए। हर सरकारी कार्यालय में दिन में दो बार सेनेटाइजर स्प्रे की व्यवस्था हो, आने जाने वालों की संख्या सीमित रखते हुए सोशल व फिजिकल डिस्टेंसिंग का विशेष ध्यान रखा जाए। स्कूल कॉलेज सबसे आखिर में खोले जाएं साथ ही स्कूलों द्वारा इस दौरान फीस ना ली जाए। डॉक्टरों के लिए पीपीई किट्स व इंफ़्रा रेड थर्मामीटर की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। पेयजल आपूर्ति के लिए अति आवश्यक अमृत मिशन के कार्यों को अनुमति दी जाए। आवश्यक वस्तुओं, राशन किराना, फल सब्जी, दवाई दुकानों आदि में भीड़ कम रखने 3 बजे की समय सीमा को धीरे धीरे बढ़ाया जाए। सब्जी मंडी एक से अधिक जगह पर लगाने की व्यवस्था की जाए व दिहाड़ी मजदूरों, गरीब जरूरतमंदों को राशन उपलब्ध करवाने नोडल एजेंसी बना कर उसे राशि जारी की जाए ताकि कोई भी भूखा ना रहे।
उन्होंने कहा कि यह संतोष जनक है कि अभी तक राज्य के ज्यादातर जिले सुरक्षित हैं लेकिन छोटी सी भी लापरवाही सारे किए धरे पर पानी फेर सकती है। पूरी संवेदनशीलता के साथ सभी वर्गों के हितों व सबसे आवश्यक जीवन का ध्यान रखते हुए एक ठोस फैसला लेने से ही राज्य कोरोना से जंग जीत सकता है।