चिरायु योजना लोरमी :
छत्तीसगढ़ सरकार की चिरायु योजना एक बार फिर जीवनदायिनी साबित हुई है। सुदूर वनांचल की कठिन परिस्थितियों में रहने वाली रोशनी बैगा, जो कक्षा 6वीं की छात्रा है और कस्तूरबा गांधी कन्या आवासीय छात्रावास, लोरमी में पढ़ती है, अब नई जिंदगी की रोशनी देख रही है।
स्वास्थ्य परीक्षण में सामने आई समस्या
छात्रावास में चिरायु दल–बी द्वारा किए गए नियमित स्वास्थ्य परीक्षण के दौरान रोशनी के हृदय में गंभीर समस्या का पता चला। तुरंत जानकारी हॉस्टल अधीक्षिका ने उसके पिता शिवप्रसाद बैगा को दी। हालांकि परिवार आर्थिक रूप से कमजोर था और शुरुआत में इलाज को लेकर संकोच में था, लेकिन समझाइश और विश्वास के बाद उन्होंने सहमति दी।
निःशुल्क हुआ हार्ट ऑपरेशन
रोशनी को सत्य साईं हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां विशेषज्ञ डॉक्टरों ने ऑपरेशन की सलाह दी। तय दिन पर उसे भर्ती किया गया और एक सप्ताह से अधिक चले उपचार के बाद उसका हार्ट ऑपरेशन सफल रहा। अब रोशनी स्वस्थ है और पढ़ाई के सपने को आगे बढ़ा रही है।
योजना बनी वरदान
इलाज की पूरी प्रक्रिया और अनुभव को रोशनी के पिता और मामा ने वीडियो संदेश में साझा किया। उन्होंने शासन, स्वास्थ्य विभाग और चिरायु दल के प्रति गहरी कृतज्ञता जताई। उनका कहना था कि यह योजना उनके लिए किसी वरदान से कम नहीं है।
कई बार करनी पड़ी कोशिश
बैगा जनजाति के इस सुदूर क्षेत्र तक पहुंचना आसान नहीं था। चिरायु दल–बी को कई बार प्रयास करने पड़े, तब जाकर परिवार से संपर्क और विश्वास कायम हो पाया। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. शीला शाहा और जिला कार्यक्रम प्रबंधक (एनएचएम) गिरीश कुर्रे के मार्गदर्शन से यह उपचार निःशुल्क संभव हो सका।
स्थानीय समाज में खुशी
इस सफलता ने न केवल रोशनी के परिवार में बल्कि पूरे इलाके में उम्मीद जगाई है। लोगों का मानना है कि अब ऐसे बच्चे जो गंभीर बीमारियों से जूझ रहे हैं, उन्हें भी बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं और जीवन जीने का मौका मिलेगा।
