पणजी । डेस्क: गोवा के मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत ने शुक्रवार को छत्तीसगढ़ की पारंपरिक धरोहर कोसा सिल्क की भूरी-भूरी प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि कोसा सिल्क केवल एक वस्त्र नहीं, बल्कि भारतीय शिल्पकला, शुद्धता और परंपरा का जीवंत प्रतीक है।
यह टिप्पणी उन्होंने छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा से मुलाकात के दौरान की। विजय शर्मा पणजी में आयोजित डिजिटल डेमोक्रेसी डायलॉग (Digital Democracy Dialogue) के तीसरे संस्करण में शामिल होने पहुँचे थे, जिसका आयोजन पुणे-आधारित रामभाऊ म्हालगी प्रबोधिनी ने किया।
दोनों नेताओं की मुलाकात पणजी के अल्टिन्हो स्थित मुख्यमंत्री के सरकारी आवास पर हुई। इस दौरान छत्तीसगढ़ की ओर से मुख्यमंत्री सावंत को कोसा सिल्क का पारंपरिक परिधान भेंट किया गया। इसे पाकर सावंत ने अपनी खुशी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व ट्विटर) पर साझा की।
मुख्यमंत्री सावंत ने लिखा—
“कोसा सिल्क की विशिष्टता इसकी शुद्धता और शिल्पकला में है। इसे कुशल कारीगर पीढ़ियों से चले आ रहे अनुशासन और परंपराओं का पालन करते हुए अत्यंत निष्ठा के साथ तैयार करते हैं। इस अद्भुत धरोहर को पाकर मैं गौरवान्वित हूँ।”
कोसा सिल्क, जिसे छत्तीसगढ़ की आत्मा कहा जाता है, अपने प्राकृतिक रंगों और टिकाऊपन के कारण देश-विदेश में प्रसिद्ध है। यह केवल कपड़ा ही नहीं, बल्कि उन बुनकर परिवारों की मेहनत और परंपरा का प्रतीक है, जिन्होंने इसे पीढ़ियों से संजोए रखा है।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की प्रशंसा और राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता से छत्तीसगढ़ के बुनकरों और कारीगरों को नया उत्साह मिलेगा और कोसा सिल्क की ख्याति और भी बढ़ेगी।
