भिलाई: छत्तीसगढ़ के भिलाई नगर रेलवे स्टेशन (कोड – BQR) के विस्तार की तैयारी शुरू हो चुकी है। यह स्टेशन, जो भिलाई शहर के पाँच प्रमुख स्टेशनों में से एक है और हावड़ा–मुंबई रेल लाइन पर स्थित है, यात्रियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए नए सिरे से विकसित किया जाएगा।
लेकिन इस विकास की चमक के बीच एक बड़ा सवाल उभरकर सामने आया है। स्टेशन के आसपास करीब 50 साल पुरानी एक बस्ती बसी हुई है, जहां सैकड़ों परिवार पीढ़ियों से रह रहे हैं। अब विस्तार परियोजना की जद में यह बस्ती आ रही है।
स्थानीय लोगों की चिंता है कि अगर रेलवे परियोजना के लिए उनकी बस्ती उजाड़ी गई, तो उन्हें कहां शरण मिलेगी? क्या सरकार या रेलवे प्रशासन ने उनके पुनर्वास के लिए कोई ठोस योजना बनाई है या नहीं?
बस्ती के निवासियों का कहना है कि वे यहां केवल घर नहीं बल्कि अपनी जीवन-भर की यादें, रिश्ते और रोज़गार छोड़ देंगे। “हमारे बच्चे यहीं बड़े हुए, यहीं स्कूल गए, अब अचानक हमसे कहा जाएगा कि यहां से हट जाओ, तो हम कहाँ जाएंगे?” – एक बुजुर्ग निवासी की आंखों में चिंता साफ झलक रही थी।
हालांकि रेलवे अधिकारियों ने फिलहाल विस्तार योजना पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि इस परियोजना को लेकर आंतरिक बैठकें हो चुकी हैं। अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि सरकार और प्रशासन क्या पुनर्वास पैकेज लेकर आते हैं।
यह सवाल अब भी जनता के मन में गूंज रहा है कि विकास की राह पर निकली इस परियोजना में, क्या मानवीय संवेदनाओं की कीमत पर प्रगति की इमारत खड़ी होगी या फिर लोगों के जीवन और अधिकारों का सम्मान करते हुए कोई समाधान निकलेगा।
