रायपुर। छत्तीसगढ़ को अपना 13वां मुख्य सचिव मिल गया है। 1994 बैच के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी विकासशील को प्रदेश का नया मुख्य सचिव नियुक्त किया गया है। वे वर्तमान सीएस अमिताभ जैन की जगह लेंगे, जिनका कार्यकाल 30 सितंबर 2025 को समाप्त हो रहा है। जैन को पहले ही तीन महीने का सेवा-विस्तार मिल चुका था।
विकासशील फिलहाल एशियाई विकास बैंक (एडीबी), मनीला में कार्यकारी निदेशक के पद पर तैनात थे। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की पहल पर उन्हें समय से पहले भारत बुलाया गया। सूत्र बताते हैं कि सीएम साय ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर उनकी रिलीविंग की प्रक्रिया तेज करवाई। डीओपीटी ने 12 सितंबर को आदेश जारी किया और 24 घंटे के भीतर ही एडीबी ने उन्हें औपचारिक रूप से कार्यमुक्त कर दिया। इसके बाद मनीला में विदाई समारोह आयोजित हुआ और विकासशील की छत्तीसगढ़ वापसी का रास्ता साफ हो गया।
कैरियर और योगदान:
छत्तीसगढ़ कैडर के आईएएस अधिकारी विकासशील ने प्रदेश और केंद्र सरकार दोनों स्तरों पर कई अहम जिम्मेदारियां संभाली हैं। रायपुर और बिलासपुर जैसे बड़े जिलों में कलेक्टर रहते हुए उन्होंने प्रशासनिक दक्षता का प्रदर्शन किया।
उन्होंने वित्त, उद्योग, स्वास्थ्य और सामान्य प्रशासन जैसे महत्वपूर्ण विभागों की कमान संभाली। जल जीवन मिशन में मिशन डायरेक्टर रहते हुए ग्रामीण जल आपूर्ति योजना में अहम योगदान दिया। केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के दौरान वे स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय और जल शक्ति मंत्रालय में वरिष्ठ पदों पर कार्यरत रहे।
जनवरी 2024 में वे भारत के सबसे महत्वाकांक्षी ग्रामीण जल आपूर्ति कार्यक्रमों में से एक के संचालन से जुड़े। मार्च 2025 में केंद्र सरकार ने उन्हें सचिव/सचिव-समकक्ष ग्रेड के लिए एंपैनल किया, जिसे छत्तीसगढ़ कैडर के लिए बड़ी उपलब्धि माना गया।
मुख्य सचिव पद की दौड़ में आगे रहे विकासशील:
सीएस पद के लिए कई वरिष्ठ अधिकारी दावेदारों की सूची में थे जिनमें रेणु पिल्ले, सुब्रत साहू, अमित अग्रवाल, ऋचा शर्मा और मनोज कुमार पिंगुआ शामिल थे। लेकिन जब अमिताभ जैन का कार्यकाल बढ़ाया गया, तब इन नामों पर चर्चा ठंडी पड़ गई। इस बीच, केंद्र और राज्य दोनों स्तर पर मजबूत प्रशासनिक पृष्ठभूमि रखने वाले विकासशील का नाम सबसे आगे निकल आया।
जनता की उम्मीदें:
लोगों को उम्मीद है कि विकासशील की नियुक्ति से प्रशासनिक कामकाज में नई ऊर्जा आएगी। उनकी छवि एक कर्मठ, ईमानदार और संवेदनशील अधिकारी की रही है। राज्य के नौकरशाही ढांचे में भी उनकी वापसी को एक मजबूत नेतृत्व के रूप में देखा जा रहा है।

