ग्रेटर नोएडा, 25 सितंबर 2025।
ग्रेटर नोएडा में आयोजित उत्तर प्रदेश अंतरराष्ट्रीय व्यापार प्रदर्शनी के उद्घाटन अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को मजबूत करते हुए कहा कि “भारत अब किसी पर निर्भर रहने को तैयार नहीं है।”
प्रधानमंत्री का यह बयान उस समय आया है जब अमेरिका और भारत के बीच टैरिफ युद्ध गहराता जा रहा है। ट्रंप प्रशासन ने रूस से तेल खरीदने को लेकर भारत को निशाना बनाया है और दंडस्वरूप 25 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क लगाया है। इस तरह भारत पर लगाए गए अमेरिकी शुल्क अब बढ़कर 50 प्रतिशत हो गए हैं, जो दुनिया में सबसे अधिक दरों में शामिल हैं।
आत्मनिर्भर भारत का आह्वान
प्रधानमंत्री मोदी ने व्यापारियों और निर्माताओं से आह्वान किया कि वे आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में सक्रिय योगदान दें।
उन्होंने कहा:
“हर वह उत्पाद जो भारत में बन सकता है, उसे भारत में ही बनाया जाना चाहिए। वैश्विक व्यवधान हमें रोकते नहीं, बल्कि नई दिशा और नए अवसर खोजने की प्रेरणा देते हैं।”
उन्होंने यह भी बताया कि भारत रक्षा क्षेत्र में भी आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहा है। देश में एक ऐसा पारिस्थितिकी तंत्र विकसित किया जा रहा है जहां हर पुर्जा ‘मेड इन इंडिया’ की छाप लिए होगा।
‘विकास की राह पर भारत’
प्रधानमंत्री ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय परिस्थितियों और अमेरिका की संरक्षणवादी नीतियों के बावजूद भारत विकास की दिशा में आगे बढ़ रहा है।
“वैश्विक व्यवधान हमारे लिए अवसर लेकर आते हैं। यह हमें अपने बलबूते उत्पादन करने और आत्मनिर्भर बनने की राह दिखाते हैं।”
जीएसटी सुधारों का बचाव
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में हाल ही में किए गए जीएसटी कटौती का भी उल्लेख किया और कहा कि इस फैसले ने गरीब और मध्यम वर्ग का कर बोझ कम किया है।
उन्होंने 2014 से पहले कांग्रेस सरकार के समय का उदाहरण देते हुए कहा कि उस दौर में एक साधारण शर्ट खरीदना भी महंगा पड़ता था।
मोदी ने कहा, “2017 में जीएसटी लागू होने के बाद से सुधारों की यह प्रक्रिया निरंतर जारी है। इस वर्ष सितंबर में किए गए बदलावों से देश के उपभोक्ताओं को और राहत मिली है।”
मानवीय स्पर्श
प्रधानमंत्री ने अपने उद्बोधन में खासतौर पर लघु एवं मध्यम उद्योगों, व्यापारियों और किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि देश का हर नागरिक आत्मनिर्भर भारत की गाथा का हिस्सा है।
उन्होंने युवाओं को प्रेरित करते हुए कहा, “हमारे पास चुनौतियां हैं, लेकिन इन्हीं चुनौतियों में अवसर छिपे हैं। हमें उन्हें पहचानकर आत्मनिर्भर भारत का मार्ग प्रशस्त करना है।”
