छत्तीसगढ़ में स्कूल शिक्षा विभाग ने युक्तियुक्तकरण (Rationalisation) की प्रक्रिया पूरी करने के बाद शिक्षकों को नया कार्यस्थल आवंटित कर दिया है। लेकिन विभाग के संज्ञान में आया है कि कुछ शिक्षक अभी तक अपने-अपने स्थानों पर कार्यभार ग्रहण नहीं कर पाए हैं।
विभाग ने इस पर कड़ा रुख अपनाते हुए स्पष्ट किया है कि जिन शिक्षकों ने अभी तक कार्यभार ग्रहण नहीं किया है, उनके खिलाफ छत्तीसगढ़ सिविल सेवा आचरण नियमों के तहत अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
हाईकोर्ट से मिली राहत को छोड़कर सभी पर लागू
शिक्षा विभाग ने कहा है कि जिन मामलों में छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय द्वारा स्थगन या राहत दी गई है, वे इस कार्रवाई से बाहर रहेंगे। लेकिन शेष सभी शिक्षकों को दो दिनों के भीतर कार्यभार ग्रहण करने का अंतिम अवसर दिया गया है।
युक्तियुक्तकरण की पृष्ठभूमि
प्रदेश में स्कूलों और शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण लंबे समय से लंबित था। इसका उद्देश्य है –
- अतिरिक्त (अतिशेष) शिक्षकों की सही जगह पर नियुक्ति करना।
- जिन स्कूलों में शिक्षक कम हैं, वहां संतुलन बनाना।
- शिक्षा व्यवस्था को सुचारू और प्रभावी बनाना।
विभाग के अनुसार यह प्रक्रिया अब पूरी हो चुकी है और शिक्षकों के स्थानांतरण व पदस्थापना आदेश जारी किए जा चुके हैं।
विभाग की सख्त चेतावनी
शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि शिक्षा की गुणवत्ता प्रभावित न हो, इसके लिए यह कदम आवश्यक है। यदि निर्धारित समयसीमा के भीतर कार्यभार ग्रहण नहीं किया गया, तो न केवल अनुशासनात्मक कार्यवाही होगी बल्कि आगे की सेवा स्थिति पर भी असर पड़ सकता है।
