रायपुर। छत्तीसगढ़ में माओवादी विद्रोहियों से लड़ रहे सुरक्षा बलों के सामने अब एक नई चुनौती सामने आई है। यह खतरा खाली बीयर की बोतलों में बनाए गए बम हैं। सोमवार को सुरक्षा बलों ने इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान में पांच IED बरामद किए, जिनमें से दो को बोतल IED पाया गया और मौके पर ही निष्क्रिय किया गया।
पुलिस और CRPF अधिकारियों के अनुसार, इन बोतलों को बनाना और लगाने में आसानी होती है। कांच के टुकड़े विस्फोट के समय गंभीर चोट और जलन पैदा कर सकते हैं। पहले भी सुकमा और बीजापुर जिलों में इस तरह की बोतल IED बरामद हो चुकी हैं।
सुरक्षा बलों के लिए खतरनाक:
एक CRPF अधिकारी ने बताया कि माओवादी अब कांच की बोतलों में विस्फोटक भर रहे हैं। इन्हें ढूंढना कठिन है और ये सैनिकों के लिए अत्यंत खतरनाक हैं। प्लास्टिक या धातु के बॉक्स की तुलना में, खाली बीयर की बोतलें आसानी से बाजार में उपलब्ध होती हैं और इनके जरिए माओवादी कम लागत में अधिक नुकसान कर सकते हैं।
कांच के टुकड़े विस्फोट के समय शरीर में गहराई तक घुस सकते हैं और रासायनिक जलन को बढ़ा सकते हैं। सुरक्षा बलों के लिए एक भी हताहत होने का मतलब होता है कि पूरा ध्यान निकासी और बचाव पर लग जाएगा, जिससे माओवादी इसका फायदा उठा सकते हैं।
पूर्व घटनाएं:
कांदलापाड़ती के पास बरामद बमों के इलाके में पहले एक DRG जवान शहीद हो चुका है और तीन घायल हुए थे। अधिकारियों ने बताया कि माओवादी रोजमर्रा की चीज़ों का इस्तेमाल करके नए और खतरनाक नवाचार कर रहे हैं।
अधिकारियों का बयान:
पुलिस और सुरक्षा बलों का कहना है कि इनका मकसद केवल सैनिकों को नुकसान पहुंचाना है, नागरिकों को नहीं। इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान और अबूझमाड़ माओवादी विद्रोहियों के गढ़ हैं। यहां अक्सर घात लगाने के लिए विस्फोटक लगाए जाते हैं।
सुरक्षा बल इस चुनौती से निपटने के लिए सतर्क हैं और इलाके में पेट्रोलिंग और नाकेबंदी बढ़ा दी गई है। अधिकारियों का मानना है कि इन बमों की पहचान और निष्क्रिय करना अब सुरक्षा बलों की प्राथमिकता है।
