कोलकाता, 23 सितंबर 2025/ पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में बीती रात हुई मूसलाधार बारिश ने शहर को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया। लगातार हुई बारिश से 251.4 मिमी पानी महज़ 24 घंटों से भी कम समय में दर्ज किया गया, जो 1986 के बाद सबसे ज्यादा है। इस भारी बारिश और जलभराव के चलते कम से कम 10 लोगों की मौत हो गई, जिनमें से ज्यादातर की जान करंट लगने से गई।
बारिश ने शहर की सड़कों और कॉलोनियों को झील में तब्दील कर दिया। पार्क सर्कस, गड़ियाहाट, बेहाला और कॉलेज स्ट्रीट जैसे प्रमुख इलाकों में घुटनों से लेकर कमर तक पानी भर गया, जिससे गाड़ियां घंटों तक फंसी रहीं और यातायात पूरी तरह ठप हो गया।
कोलकाता नगर निगम (KMC) की टीमें चौबीसों घंटे पानी निकालने में जुटी रहीं। मेयर और शहरी विकास मंत्री फिरहाद हकीम ने बताया कि नदियां और नहरें पहले से ही लबालब हैं, इसलिए पानी की निकासी मुश्किल हो रही है। उन्होंने आशंका जताई कि ज्वार आने तक हालात और बिगड़ सकते हैं।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इसे “अभूतपूर्व आपदा” बताया और फरक्का बैराज में सिल्ट निकासी में लापरवाही तथा बिजली कंपनी CESC की विफलता पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि कंपनी को केवल मुनाफा कमाने के बजाय ढांचा सुधार पर भी काम करना चाहिए।
यातायात और सार्वजनिक जीवन पर असर:
- ईएम बाईपास, एजेसी बोस रोड और सेंट्रल एवेन्यू पर घंटों लंबा जाम रहा।
- बसें बीच रास्ते में खराब हो गईं और टैक्सियों-ऐप कैब्स ने मनमाने किराए वसूले।
- मेट्रो ब्लू लाइन का संचालन महानायक उत्तम कुमार से रविंद्र सरोबर के बीच निलंबित करना पड़ा।
- सीलदह दक्षिण खंड और सर्कुलर रेलवे लाइन की सेवाएं भी बंद करनी पड़ीं।
- हवाई सेवाएं भी प्रभावित हुईं, 30 उड़ानें रद्द और 31 देरी से रवाना हुईं।
शैक्षणिक संस्थान बंद:
मुख्यमंत्री की अपील के बाद शिक्षा मंत्री ब्रत्य बसु ने घोषणा की कि सभी सरकारी स्कूल-कॉलेज 24 और 25 सितंबर को बंद रहेंगे। वहीं, कलकत्ता विश्वविद्यालय और जादवपुर विश्वविद्यालय ने भी अपनी कक्षाएं निलंबित कर दी हैं।
मौसम विभाग का अलर्ट:
आईएमडी ने चेतावनी दी है कि बंगाल की खाड़ी में बने निम्न दबाव क्षेत्र से आने वाले दिनों में दक्षिण बंगाल के जिलों में और बारिश हो सकती है। गड़िया कामडहारी में 332 मिमी, जोधपुर पार्क में 285 मिमी और कालीघाट में 280 मिमी वर्षा दर्ज की गई।
भारी जलभराव और लगातार बारिश से कोलकाता के लोग घरों में कैद हो गए हैं। दफ्तर और बाजार सूने पड़े हैं, वहीं आम जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त है।
