छत्तीसगढ़ बिजली नियामक आयोग ने रेडिएंट कोल बेनिफिकेशन को दी राहत, डेडिकेटेड फीडर से मिली छूट

बिलासपुर जिले के रतनपुर स्थित रेडिएंट कोल बेनिफिकेशन प्राइवेट लिमिटेड को छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत नियामक आयोग (CSERC) से बड़ी राहत मिली है। कंपनी द्वारा दायर याचिका पर आयोग ने 15 सितंबर 2025 को आदेश जारी करते हुए उसके 1.54 मेगावाट सौर ऊर्जा परियोजना को ओपन एक्सेस के लिए डेडिकेटेड फीडर बनाए बिना ही छूट प्रदान कर दी।

रेडिएंट कोल बेनिफिकेशन, जो कोयला वॉशरी सेवाओं के साथ-साथ सौर ऊर्जा उत्पादन भी करती है, ने दलील दी थी कि इतनी छोटी क्षमता वाली परियोजना के लिए अलग डेडिकेटेड फीडर बनाना संभव नहीं है। कंपनी ने अनुरोध किया कि उसे CSPDCL (छत्तीसगढ़ स्टेट पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड) के सामान्य वितरण फीडर का उपयोग करने की अनुमति दी जाए।

कंपनी ने यह भी आश्वासन दिया कि वह स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर (SLDC) को डेटा उपलब्ध कराएगी, आवश्यक मीटरिंग और संचार व्यवस्था लगाएगी और किसी भी लोड प्रतिबंध या तकनीकी शर्तों का पालन करेगी।

CSPDCL और CSPTCL (छत्तीसगढ़ पावर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड) दोनों ने तकनीकी दृष्टि से कोई आपत्ति नहीं जताई, लेकिन शर्त रखी कि कंपनी को ABT मीटर, AMR और RTU सिस्टम लगाने होंगे और फीडर बंद रहने या तकनीकी खामी पर कोई दावा नहीं कर पाएगी।

आयोग ने सभी पक्षों की दलीलों पर विचार करते हुए कहा कि नियमों में विशेष परिस्थितियों में डेडिकेटेड फीडर से छूट दी जा सकती है। चूंकि कंपनी सभी शर्तों को मानने के लिए तैयार है, इसलिए आदेश में उसे राहत दी गई।

इस फैसले को नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं के लिए व्यावहारिक कदम माना जा रहा है। छोटे सौर कैप्टिव प्रोजेक्ट्स को जहां अलग फीडर बनाना मुश्किल है, वहां साझा फीडर के माध्यम से ओपन एक्सेस की अनुमति देकर आयोग ने संतुलित समाधान पेश किया है। यह निर्णय राज्य में औद्योगिक इकाइयों द्वारा सौर ऊर्जा के प्रयोग को प्रोत्साहन देगा और साथ ही बिजली व्यवस्था की तकनीकी सुरक्षा भी सुनिश्चित करेगा।

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