रायपुर, 16 सितम्बर 2025।
छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य सेवाएं ठप होने के कगार पर हैं। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) संविदा कर्मचारी करीब एक महीने से अपनी 10 सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल पर बैठे हैं। सरकार द्वारा मंगलवार तक काम पर लौटने का अल्टीमेटम दिए जाने के बावजूद कर्मचारियों ने हड़ताल खत्म नहीं की।
स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि सरकार ने कर्मचारियों की 10 में से 4 प्रमुख मांगों को मान लिया है और बाकी पर विचार के लिए कमेटी बना दी है। बावजूद इसके, कर्मचारी अपने रुख पर अड़े हुए हैं।
मंत्री जायसवाल ने कहा,
“सरकार ने उनकी मांगों पर गंभीरता से निर्णय लिया है। अब कर्मचारियों को हड़ताल खत्म कर जनता की सेवा में लौटना चाहिए।”
हड़ताल की मानवीय तस्वीरें भी सामने आईं। मंत्री के गृह जिले मनेन्द्रगढ़ में संविदाकर्मियों ने राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपते हुए इच्छा मृत्यु की मांग तक कर दी। उनका कहना है कि जब तक स्थायीकरण और संविलियन जैसे मुद्दों पर ठोस कदम नहीं उठाए जाते, वे पीछे नहीं हटेंगे।
सरकार की ओर से दी गई चेतावनी:
- मंगलवार तक काम पर नहीं लौटने पर 16,000 पद खाली मान लिए जाएंगे।
- कर्मचारियों को नोटिस देकर नौकरी से हटाने की प्रक्रिया शुरू होगी।
संविदाकर्मियों की मुख्य मांगें:
- संविलियन और स्थायीकरण
- ग्रेड पे का निर्धारण
- पब्लिक हेल्थ कैडर की स्थापना
- 27% लंबित वेतन वृद्धि
- अनुकंपा नियुक्ति
- CR सिस्टम में पारदर्शिता
- रेगुलर भर्ती में सीट आरक्षण
- मेडिकल अवकाश व अन्य सुविधाएं
- ट्रांसफर पॉलिसी
- 10 लाख रुपये तक का कैशलेस स्वास्थ्य बीमा
सरकार ने जिन 4 मांगों को माना:
- मेडिकल अवकाश और अन्य छुट्टियों की सुविधा
- CR व्यवस्था में सुधार
- कैशलेस मेडिकल इंश्योरेंस
- लंबित वेतन वृद्धि पर सहमति
बावजूद इसके कर्मचारी लिखित आदेश की मांग कर रहे हैं और हड़ताल खत्म करने के मूड में नहीं हैं। इस जिद और सरकार की सख्ती के बीच अब स्वास्थ्य सेवाओं पर संकट गहराता जा रहा है।
