पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य पर 1000 करोड़ रुपये घोटाले की रकम संभालने का आरोप

रायपुर, 16 सितम्बर 2025।
छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित 2,161 करोड़ रुपये के कथित शराब घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बड़ा दावा किया है। सोमवार को दाखिल की गई पूरक अभियोजन शिकायत (Supplementary Prosecution Complaint) में एजेंसी ने आरोप लगाया कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल ने व्यक्तिगत रूप से करीब 1000 करोड़ रुपये की अवैध कमाई संभाली।

ED की शिकायत के मुताबिक, चैतन्य ने षड्यंत्र के तहत अन्य सदस्यों के साथ मिलकर घोटाले की रकम को छुपाने, रखने और उपयोग करने में मदद की। एजेंसी ने यह आरोप लक्ष्मी नारायण बंसल उर्फ पप्पू बंसल के बयान पर आधारित किया, जिसने दावा किया कि उसने चैतन्य के साथ मिलकर 1000 करोड़ रुपये प्रबंधित किए।

चैतन्य बघेल को ED ने 18 जुलाई को भिलाई स्थित उनके घर से गिरफ्तार किया था और वे फिलहाल जेल में हैं। आरोप है कि यह घोटाला वर्ष 2019 से 2022 के बीच कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में हुआ।

ED का कहना है कि एक सिंडिकेट ने समानांतर आबकारी विभाग चलाया, जिसमें शराब की बिक्री तो जनता को की गई लेकिन उसकी रकम सरकारी खजाने तक नहीं पहुंची। इस वजह से राज्य सरकार को 2,161 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।

एजेंसी के अनुसार:

  • रिटायर्ड IAS अनिल टुटेजा और कांग्रेस नेता के भाई ऐजाज ढेबर सिंडिकेट के फ्रंट चेहरे थे।
  • चैतन्य बघेल “सिंडिकेट के शीर्ष पर” थे और अवैध पैसों का हिसाब रखते थे।
  • घोटाले की रकम में से 18.9 करोड़ रुपये चैतन्य की रियल एस्टेट परियोजना में लगाए गए।
  • डिजिटल सबूत, गवाहों के बयान और व्हाट्सएप चैट एजेंसी ने अदालत में पेश किए हैं।
  • बंसल के अनुसार, बड़ी नकदी चैतन्य के कहने पर छत्तीसगढ़ कांग्रेस के कोषाध्यक्ष तक पहुंचाई गई।

हालांकि, चैतन्य के वकील फैसल रिजवी ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि ED केवल बंसल के बयान पर भरोसा कर रही है, जबकि बंसल के खिलाफ खुद EOW ने स्थायी वारंट जारी कर रखा है। उन्होंने सवाल उठाया कि “ऐसे व्यक्ति की गवाही कितनी विश्वसनीय होगी और व्हाट्सएप चैट अदालत में कितनी मान्य होगी?”

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी बेटे की गिरफ्तारी को राजनीतिक साजिश बताया। उन्होंने दावा किया कि यह कार्रवाई इसलिए हो रही है क्योंकि उन्होंने आदानी के रायगढ़ कोयला खनन प्रोजेक्ट और जंगलों की कटाई का विरोध किया। बघेल ने कहा, “यह सब इसलिए हो रहा है क्योंकि मैंने और मेरी पार्टी ने 5,000 पेड़ों की अवैध कटाई का मुद्दा उठाया। जबकि अदालत के गैर-जमानती वारंट के बावजूद बंसल आज़ाद घूम रहा है और बयान दे रहा है। इससे साफ है कि एजेंसियां और भाजपा अदालत का कितना सम्मान करती हैं।”

अब सबकी नजर अदालत की सुनवाई पर है, जहां यह तय होगा कि क्या ED के आरोप सबूतों के कसौटी पर खरे उतरेंगे या यह मामला राजनीतिक विवाद के घेरे में ही सिमटकर रह जाएगा।

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