देहरादून में बादल फटने से तबाही: 10 की मौत, कई लापता; धामी ने किए राहत कार्य तेज़ करने के निर्देश

देहरादून: उत्तराखंड की राजधानी देहरादून और आसपास के इलाकों में सोमवार देर रात बादल फटने से भारी तबाही मच गई। सहस्त्रधारा और मालदेवता इलाके में तड़के अचानक आई मूसलधार बारिश ने सब कुछ तहस-नहस कर दिया। तेज़ धारा में होटल, दुकानें और घर बह गए। अब तक कम से कम 10 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 8 लोग लापता बताए जा रहे हैं।

आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन ने बताया कि मालदेवता और मसूरी क्षेत्र में भी भारी नुकसान हुआ है। कई जगह सड़कें टूट गईं, पुल बह गए और भूस्खलन से मार्ग अवरुद्ध हो गए। 300 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया गया है।

स्थानीय लोगों ने बताया कि देर रात अचानक तेज़ आवाज़ और मलबे के साथ पानी उनके घरों में घुस आया। मजहरा गांव के निवासियों ने कहा, “सुबह-सुबह पूरा इलाका हिल गया। कई घर बह गए और लोग लापता हैं। हम जैसे-तैसे बाहर निकल पाए।”

घटनास्थल पर तबाही की झलकियाँ:

  • शिखर फॉल के पास चार लोग बह गए।
  • मसूरी के झरीपानी टोल प्लाज़ा पर भूस्खलन में दो मज़दूर दब गए, जिसमें एक की मौत हो गई।
  • डोईवाला में चंद्रभागा नदी में फंसे तीन लोगों को SDRF ने बचाया।
  • पारवाल गांव में आसन नदी की तेज़ धारा में आठ मज़दूर बह गए।
  • नंदा की चौकी पुल बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया, जिससे आवागमन ठप हो गया।

विकासनगर में एक दर्दनाक हादसे में, कालसी-चकराता मार्ग पर भूस्खलन से गिरे पत्थरों की चपेट में आने से एक स्कूटर सवार की मौत हो गई और दूसरा गंभीर रूप से घायल हुआ।

देवभूमि इंस्टीट्यूट कैंपस, पौंडा में पानी भर जाने से 200 से अधिक छात्र फंस गए, जिन्हें SDRF और NDRF की टीमों ने पूरी रात चलाए गए ऑपरेशन के बाद सुरक्षित निकाला।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रभावित इलाकों – मालदेवता और केसारवाला – का दौरा किया। उन्होंने प्रशासन को तेजी से राहत और बचाव कार्य चलाने, सड़कों को साफ करने, बिजली-पानी बहाल करने और प्रभावित लोगों को हर संभव मदद देने के निर्देश दिए।

सीएम धामी ने कहा, “भारी बारिश से सड़कों, पुलों और सरकारी संपत्तियों को गंभीर नुकसान पहुंचा है। सरकार और प्रशासन की सभी टीमें लगातार राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं। विशेष सतर्कता बरती जा रही है क्योंकि नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है।”

आईटी पार्क और आसपास के क्षेत्रों में जलभराव से लोग दफ्तरों और मकानों में फंस गए। स्थानीय निवासी हृतिक शर्मा ने बताया, “सुबह 5:30 बजे से यहां फंसे हैं। पानी कार और ऑफिस के बेसमेंट तक भर गया है। हालत काफी डरावनी है।”

फिलहाल SDRF और NDRF की टीमें युद्ध स्तर पर तलाश और बचाव अभियान चला रही हैं। कई इलाकों में अब भी संपर्क टूटा हुआ है और लोग राहत का इंतजार कर रहे हैं।

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