रायपुर, 13 सितम्बर 2025। छत्तीसगढ़ राज्य उपभोक्ता आयोग ने चिकित्सकीय लापरवाही के मामले में कड़ा फैसला सुनाते हुए रायपुर के गुढ़ियारी रोड स्थित सुयश हॉस्पिटल को मरीज की मौत का जिम्मेदार ठहराया है। आयोग ने अस्पताल प्रबंधन को पीड़ित परिवार को 16 लाख रुपये का मुआवजा (15 लाख मुआवजा, 1 लाख मानसिक क्षतिपूर्ति और 10,000 रुपये वाद व्यय), साथ ही 26 नवम्बर 2012 से भुगतान तक 6 प्रतिशत ब्याज सहित देने का आदेश दिया है।
यह मामला हिमांशु सोनी की मौत से जुड़ा है, जो वर्ष 2008 में सड़क हादसे के बाद गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे थे। 18 दिसम्बर 2010 को वे सुयश हॉस्पिटल में भर्ती हुए और उनकी पेशाब नली का लेजर ऑपरेशन किया गया। अस्पताल ने 24 दिसम्बर को डिस्चार्ज कर दिया और स्वस्थ होने का दावा किया।
लेकिन 26 दिसम्बर को अचानक उनकी हालत बिगड़ी और असहनीय दर्द में वे दोबारा अस्पताल पहुंचे। परिजनों का आरोप है कि अस्पताल में इंजेक्शन देने के बाद हिमांशु की स्थिति और बिगड़ गई और उनकी मौत हो गई।
हिना सोनी ने जिला उपभोक्ता आयोग में परिवाद दायर कर आरोप लगाया कि सही इलाज व देखभाल की कमी से उनके पति की जान गई। अस्पताल ने बचाव में कहा कि मरीज मृत अवस्था में लाया गया था, लेकिन प्रतिपरीक्षण में खुद डॉक्टरों ने माना कि पुनर्जीवित करने के प्रयास में इंजेक्शन दिया गया था। इस विरोधाभासी बयान और दस्तावेजों की अनुपलब्धता ने अस्पताल की दलीलों को कमजोर कर दिया।
जिला आयोग ने अस्पताल को दोषी मानते हुए मुआवजे का आदेश दिया था। सुयश हॉस्पिटल ने राज्य आयोग में अपील की, लेकिन आयोग की अध्यक्ष न्यायमूर्ति गौतम चौरडिया और सदस्य प्रमोद कुमार वर्मा की पीठ ने अपील को खारिज कर दिया और जिला आयोग का आदेश बरकरार रखा।
