गांधीनगर, 12 सितम्बर 2025।
गुजरात ने एक बार फिर अपनी मानवीय संवेदनशीलता का परिचय देते हुए बाढ़ प्रभावित पंजाब और छत्तीसगढ़ की मदद के लिए बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने गांधीनगर रेलवे स्टेशन से विशेष राहत ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस ट्रेन में खाने-पीने का सामान, दवाइयाँ, कपड़े और ज़रूरी सामग्री के अलावा आर्थिक सहायता भी शामिल है।
22 डिब्बों में 400 टन खाद्यान्न और दवाइयाँ
यह राहत ट्रेन कुल 22 डिब्बों की थी, जिसमें लगभग 400 टन खाद्यान्न—आटा, चावल, प्याज, आलू, खाद्य तेल, चीनी और दूध पाउडर शामिल था। इसके अलावा, 70 टन दवाइयाँ, 10,000 तिरपाल, 10,000 मच्छरदानी और 10,000 बिस्तर भी भेजे गए। इन सामग्रियों को राहत आयुक्त कार्यालय के समन्वय से तैयार किया गया, जिसमें खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, कृषि और स्वास्थ्य विभाग ने अहम भूमिका निभाई।
आर्थिक मदद और राहत किट भी
सामग्री के साथ-साथ गुजरात सरकार ने मुख्यमंत्री राहत कोष से 5-5 करोड़ रुपये की चेक पंजाब और छत्तीसगढ़ को भेजी। इतना ही नहीं, छत्तीसगढ़ के प्रभावित परिवारों के लिए लगभग 8,000 राहत किट भी भेजी गईं, जिनमें दैनिक उपयोग की ज़रूरी वस्तुएँ शामिल थीं।
राज्य के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ऋषिकेश पटेल ने कहा—
“मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल का यह कदम गुजरात की मानवीय संवेदनाओं को दर्शाता है। खाद्यान्न से लेकर कपड़ों तक, हर आवश्यकता का ध्यान रखते हुए यह राहत सामग्री भेजी गई है।”
कार्यक्रम में शामिल रहे कई मंत्री
इस अवसर पर खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री कुंवरजी बावलिया, गृहमंत्री हर्ष सांघवी, गांधीनगर की महापौर मीना पटेल, विधायक रीता पटेल और कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। मुख्यमंत्री पटेल आने वाले दिनों में उत्तर गुजरात के बाढ़ प्रभावित बनासकांठा ज़िले का भी दौरा करेंगे।
प्रधानमंत्री मोदी की ओर से राहत पैकेज
इसी बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पंजाब के लिए 1,600 करोड़ रुपये की अतिरिक्त सहायता की घोषणा की है। इससे पहले राज्य को 12,000 करोड़ रुपये पहले ही दिए जा चुके हैं। पीएम मोदी ने कहा कि प्रभावित क्षेत्रों की मदद के लिए बहुआयामी दृष्टिकोण अपनाना ज़रूरी है। इसमें पीएम आवास योजना के तहत घरों का पुनर्निर्माण, राष्ट्रीय राजमार्गों की बहाली, स्कूलों का पुनर्निर्माण, पीएम राष्ट्रीय राहत कोष से सहायता और पशुधन के लिए मिनी किट वितरण जैसे कदम शामिल होंगे।
मानवीय संवेदनशीलता का संदेश
गुजरात सरकार का यह प्रयास न केवल ज़रूरतमंदों तक राहत पहुँचाने का है, बल्कि यह संदेश भी देता है कि मुसीबत के समय देश की सीमाएँ नहीं, बल्कि संवेदनाएँ अहम होती हैं। बाढ़ से जूझ रहे लाखों परिवारों के लिए यह सहायता उम्मीद की नई किरण मानी जा रही है।
