गुवाहाटी। असम विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को बड़ा संबल मिला है। सोमवार को तीन पूर्व विधायक—पूर्व सिपाझार विधायक बिनंदा सैकिया, पूर्व कमलपुर विधायक सत्यब्रत कलिता और पूर्व कार्बी आंगलोंग विधायक डॉ. मानसिंह रोंगपी—औपचारिक रूप से कांग्रेस में शामिल हुए।
इंदिरा भवन में आयोजित इस कार्यक्रम में एआईसीसी महासचिव व असम प्रभारी जितेंद्र सिंह, असम प्रदेश कांग्रेस कमेटी (एपीसीसी) अध्यक्ष गौरव गोगोई समेत कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे।
कांग्रेस नेताओं ने इस अवसर पर बीजेपी सरकार पर तीखा हमला बोला। पार्टी महासचिव (संगठन) के.सी. वेणुगोपाल ने कहा, “असम की जनता बदलाव चाहती है। बीते वर्षों में राज्य को अब तक का सबसे भ्रष्ट शासन मिला—एक ऐसी सरकार जो मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के नेतृत्व में निजी कंपनी की तरह चलाई जा रही है। भ्रष्टाचार, जनता के संसाधनों की लूट और विभाजनकारी राजनीति ही इसकी पहचान रही है।”

गौरव गोगोई ने कहा कि कांग्रेस “ईमानदारी, एकता और न्याय पर आधारित शासन” लौटाने के लिए संकल्पित है। उन्होंने दावा किया कि जनता अब कांग्रेस को ही जनता-हितैषी विकल्प मान रही है।
पार्टी सूत्रों का कहना है कि इन पूर्व विधायकों के आने से कांग्रेस को निचले असम और पहाड़ी जिलों में खास मजबूती मिलेगी। एपीसीसी लगातार राज्यभर में जनसंपर्क कार्यक्रम चला रही है और चुनाव से पहले संगठन को जमीनी स्तर पर मजबूत करने की कोशिश में है।
कांग्रेस नेताओं का मानना है कि महंगाई, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार के मुद्दों से बीजेपी की मुश्किलें बढ़ रही हैं और जनता का रुझान धीरे-धीरे कांग्रेस की ओर बढ़ रहा है।
वेणुगोपाल ने कहा, “आगामी विधानसभा चुनाव निर्णायक होंगे। असम की जनता समावेशी और पारदर्शी सरकार के लिए कांग्रेस का साथ देगी।”
