मॉस्को, 09 सितंबर 2025।
कैंसर जैसी घातक बीमारी से जंग में एक ऐतिहासिक सफलता मिली है। रूस ने घोषणा की है कि उसकी नई mRNA-आधारित कैंसर वैक्सीन “एंटरोमिक्स (Enteromix)” ने क्लिनिकल ट्रायल में 100% प्रभावशीलता और सुरक्षा प्रदर्शित की है। वैज्ञानिकों का कहना है कि यह वैक्सीन न केवल ट्यूमर को सिकोड़ने और उनकी वृद्धि को धीमा करने में कारगर रही, बल्कि बार-बार दिए जाने पर भी पूरी तरह सुरक्षित साबित हुई।
रूसी फेडरल मेडिकल एंड बायोलॉजिकल एजेंसी (FMBA) की प्रमुख वेरोनिका स्क्वॉर्टसोवा ने बताया कि यह वैक्सीन प्रत्येक मरीज के RNA के आधार पर व्यक्तिगत रूप से तैयार की जाएगी। शुरुआत में इसे कोलोरेक्टल कैंसर के उपचार के लिए इस्तेमाल किया जाएगा, जबकि ग्लियोब्लास्टोमा (दिमाग का कैंसर) और मेलानोमा (त्वचा का कैंसर) के लिए इसके अन्य रूप विकसित किए जा रहे हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि एंटरोमिक्स वैक्सीन प्रतिरक्षा तंत्र को कैंसर कोशिकाओं की पहचान करने और उन्हें नष्ट करने के लिए प्रशिक्षित करती है। सबसे बड़ी बात यह है कि पारंपरिक कीमोथेरेपी या रेडिएशन की तरह इसके गंभीर दुष्प्रभाव नहीं हैं और मरीजों ने इसे आसानी से सहन किया।
एंटरोमिक्स का विकास रूस के नेशनल मेडिकल रिसर्च रेडियोलॉजी सेंटर और रशियन एकेडमी ऑफ साइंस के एंगेलहार्ट इंस्टिट्यूट ऑफ मॉलेक्यूलर बायोलॉजी ने मिलकर किया है। जून 2025 में सेंट पीटर्सबर्ग इंटरनेशनल इकोनॉमिक फोरम में इसके ट्रायल की शुरुआत का ऐलान किया गया था। इस वैक्सीन में चार सुरक्षित वायरस का उपयोग कर कैंसर कोशिकाओं पर हमला करने और शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने का तरीका अपनाया गया है।
अब वैक्सीन केवल नियामक मंजूरी की प्रतीक्षा में है। अगर हरी झंडी मिलती है तो एंटरोमिक्स दुनिया की पहली व्यक्तिगत mRNA कैंसर वैक्सीन होगी, जो कैंसर की रोकथाम और इलाज का नया अध्याय लिख सकती है। यह खोज लाखों मरीजों के जीवन में उम्मीद की किरण बनकर आई है।
