रायपुर। छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के संविदा कर्मचारियों की हड़ताल 19वें दिन भी जारी रही। इस बीच शुक्रवार को 25 कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त किए जाने के विरोध में सैकड़ों कर्मियों ने सामूहिक इस्तीफा दे दिया।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार, जिन 25 कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त की गई हैं, उन्हें कई बार काम पर लौटने का नोटिस दिया गया था, लेकिन वे डटे रहे। लगभग 14,000 से अधिक संविदा कर्मचारी नियमितीकरण और अन्य सुविधाओं की मांग को लेकर हड़ताल पर हैं।
छत्तीसगढ़ प्रदेश एनएचएम कर्मचारी संघ के नेता हेमंत कुमार सिन्हा ने कहा,
“हमें बार-बार टर्मिनेट किया गया है। हमारी 10 प्रमुख मांगें हैं, जिनमें सबसे अहम है नियमितीकरण या फिर स्थायी स्वास्थ्य कर्मचारियों की तरह ग्रेड पे देना। इसके अलावा हमें इनक्रिमेंट, कैशलेस स्वास्थ्य बीमा, मेडिकल लीव पर समय पर वेतन और स्थानांतरण नीति चाहिए।”
🚑 स्वास्थ्य सेवाओं पर असर
एक वरिष्ठ डॉक्टर ने बताया कि हड़ताल से काम पूरी तरह नहीं रुका है, लेकिन नियमित कर्मचारियों पर अधिक बोझ पड़ रहा है। उन्होंने कहा, “दो लोग तीन लोगों का काम कर रहे हैं।”
📋 सरकार की प्रतिक्रिया
राज्य की एनएचएम मिशन डायरेक्टर डॉ. प्रियंका शुक्ला ने कहा कि 13 अगस्त को हुई एग्जीक्यूटिव कमेटी बैठक में कई मांगों पर निर्णय लिया गया है।
- पूरी हुई मांगें: गोपनीय रिपोर्ट (CR) मूल्यांकन में पारदर्शिता, आपात स्थिति/गंभीर बीमारी में 30 दिन का भुगतान अवकाश।
- स्वीकृत और प्रक्रिया में: 27% वेतन वृद्धि और कम से कम 10 लाख रुपये का कैशलेस स्वास्थ्य बीमा।
- समिति की समीक्षा में: ग्रेड पे, दयालु नियुक्ति और स्थानांतरण नीति।
- उच्च स्तर पर लंबित: नियमितीकरण, पब्लिक हेल्थ कैडर की स्थापना और नियमित पदों पर भर्ती में आरक्षण।
डॉ. शुक्ला ने कहा, “कई मांगें पूरी की जा रही हैं, फिर भी संविदा कर्मचारी हड़ताल पर डटे हैं।”
हड़ताल से ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं की चिंता बढ़ गई है। गांवों में रहने वाले लोग कह रहे हैं कि अगर यह स्थिति लंबी चली तो छोटे बच्चों और बुजुर्गों के इलाज में कठिनाई आ सकती है। वहीं, कर्मचारी अपने भविष्य की सुरक्षा को लेकर आंदोलन जारी रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
