नई दिल्ली। ऑटो सेक्टर के लिए राहत भरी खबर आई है। जीएसटी काउंसिल ने वाहनों और उनके पुर्जों पर टैक्स संरचना को सरल बनाते हुए दरों में कटौती की है। ज्यादातर सेगमेंट में जीएसटी को 28-29% से घटाकर 18% कर दिया गया है, जबकि बड़े यात्री वाहनों और 350 सीसी से ऊपर की बाइक्स पर 40% कर लगेगा। यह नई दरें 22 सितम्बर से लागू होंगी।
कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज की रिपोर्ट के अनुसार, यदि वाहन निर्माता कंपनियां टैक्स कटौती का पूरा लाभ ग्राहकों तक पहुँचाती हैं, तो पैसेंजर व्हीकल्स (कारें) की ऑन-रोड कीमतें 2% से 9% तक घटेंगी, जबकि 350 सीसी से ऊपर की बाइकें 6-7% महंगी हो सकती हैं। वहीं, इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) पर कोई बदलाव नहीं हुआ है, उनकी जीएसटी दर पहले की तरह 5% ही रहेगी।
🚗 ऑटो सेक्टर पर असर
- पैसेंजर व्हीकल्स (कारें): पहले 43-50% टैक्स लगता था, अब 40% फ्लैट रेट। कीमतें 2-9% घटेंगी।
- दो-पहिया (350 सीसी तक): दर घटकर 18%, कीमतें 5-8% घटेंगी।
- दो-पहिया (350 सीसी से ऊपर): टैक्स बढ़कर 40%, कीमतें 6-7% बढ़ेंगी।
- ट्रैक्टर: टैक्स 12% से घटकर 5%, कीमतों में 5-8% की कमी।
- इलेक्ट्रिक वाहन: टैक्स 5% पर यथावत।
📈 कंपनियों पर प्रभाव
कोटक रिसर्च के अनुसार, हीरो मोटोकॉर्प और टीवीएस मोटर्स को सबसे बड़ा लाभ होगा, क्योंकि उनकी 69-94% पोर्टफोलियो में दाम घटेंगे।
- महिंद्रा एंड महिंद्रा, मारुति सुजुकी और हुंडई को भी फायदा होगा, इनके 78-94% मॉडल सस्ते होंगे।
- आयशर मोटर्स की 350 सीसी से कम वाली बाइक्स पर राहत मिलेगी, जबकि रॉयल एनफील्ड जैसी >350 सीसी बाइक्स महंगी होंगी।
- ट्रैक्टर निर्माता कंपनियाँ भी मजबूत स्थिति में होंगी।
- ऑटो पार्ट्स कंपनियाँ जैसे Uno Minda और Endurance Technologies की मांग बढ़ेगी।
- टायर और बैटरी कंपनियों को रिप्लेसमेंट बाजार में फायदा होगा।
- वहीं एक्सपोर्ट-हैवी कंपनियाँ जैसे भारत फोर्ज और BKT टायर्स को सीमित लाभ होगा।
त्योहारों के मौसम में गाड़ियों के शोरूम पर ग्राहकों की चहल-पहल बढ़ सकती है। कार खरीदने वालों को राहत मिलेगी और किसान ट्रैक्टर खरीद में लाभ महसूस करेंगे। हालांकि, बुलेट और सुपरबाइक प्रेमियों को निराशा होगी क्योंकि उनकी पसंदीदा गाड़ियां अब पहले से महंगी होंगी।
