रायपुर का सबसे बड़ा नशा सिंडिकेट उजागर, 57 आरोपी गिरफ्तार, विदेशों तक फैला नेटवर्क

रायपुर, 04 सितम्बर 2025।
छत्तीसगढ़ पुलिस ने हाल के महीनों की सबसे बड़ी कार्रवाई करते हुए ‘ऑपरेशन निश्‍चय’ के तहत रायपुर के हाई-प्रोफाइल पार्टी सर्किट से लेकर पंजाब के गैंगस्टरों और पाकिस्तान, ऑस्ट्रेलिया व इटली तक फैले एक अंतरराष्ट्रीय नशा तस्करी गिरोह का भंडाफोड़ किया है। इस अभियान में अब तक 57 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें इवेंट मैनेजर, कॉरपोरेट प्रोफेशनल और सात महिलाएँ भी शामिल हैं।

पुलिस के अनुसार यह गिरोह एमडीएमए (MDMA) और हेरोइन जैसी प्रतिबंधित नशीली दवाओं की सप्लाई करता था। आरोपी पार्टी आयोजकों और इवेंट मैनेजरों के माध्यम से ग्राहकों तक नशा पहुँचाते थे, खासकर रायपुर की निजी पार्टियों और क्लबों में।

कैसे हुआ खुलासा?

यह मामला 23 अगस्त को सामने आया, जब देवेंद्र नगर ओवरब्रिज के पास एक कार की तलाशी में 27.58 ग्राम एमडीएमए, 85,300 रुपए नगद, पाँच मोबाइल फोन और एक कार जब्त की गई। तीन युवकों—रायपुर के हर्ष आहूजा, हरियाणा के मोनू विश्नोई और रायपुर के दीप धनोरिया—को गिरफ्तार किया गया।
इन्हीं से मिले सुराग के आधार पर पुलिस ने आगे की जाँच में नव्य मलिक और अय्याज़ परवेज को पकड़ा। इनके मोबाइल से मिले चैट ग्रुप, नंबर और वित्तीय लेनदेन ने पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश कर दिया।

गिरफ़्तारी की ताज़ा कड़ी

गुरुवार को पुलिस ने चार और लोगों को पकड़ा—

  • विद्या अग्रवाल (27), कॉरपोरेट प्रोफेशनल
  • ऋषिराज टंडन, इवेंट मैनेजर (शंकर नगर)
  • सोहेल खान (29), महासमुंद
  • जुनैद अख्तर (28), रायपुर

ये सभी पहले गिरफ्तार किए गए आरोपियों से जुड़े हुए थे। पुलिस के मुताबिक इवेंट मैनेजर पार्टी आयोजकों के रूप में सामने आते थे और अंदर ही अंदर नशे की खपत को बढ़ावा देते थे।

गिरोह का काम करने का तरीका

  • सप्लाई चेन: एमडीएमए और एलएसडी जैसी सिंथेटिक ड्रग्स दिल्ली और मुंबई से मंगाई जाती थीं, जबकि गांजा ओडिशा और आंध्र सीमा से आता था। हेरोइन की खेप पंजाब होते हुए पाकिस्तान, ऑस्ट्रेलिया और इटली तक से जुड़ी थी।
  • वितरण: निजी पार्टियाँ, पब, कैफ़े और कॉलेज कैंपस वितरण केंद्र बने हुए थे।
  • डिजिटल ट्रेल: ऑर्डर के लिए एन्क्रिप्टेड सोशल मीडिया ऐप और भुगतान के लिए यूपीआई वॉलेट का इस्तेमाल कर लेन-देन छिपाया जाता था।
  • हवाला लेन-देन: नशे से होने वाली कमाई का बड़ा हिस्सा हवाला नेटवर्क के ज़रिए विदेशों में भेजा जाता था।

पुलिस का सख्त रुख

रायपुर रेंज के आईजी अमरेश मिश्रा ने कहा कि यह कार्रवाई केवल ज़ब्ती तक सीमित नहीं है बल्कि पूरी सप्लाई चेन को ध्वस्त करने की दिशा में है। उन्होंने स्पष्ट किया कि आरोपियों को NDPS एक्ट की धारा 21(सी) और 29 के तहत गिरफ्तार किया गया है।
उन्होंने कहा—
“नशा तस्करों का मकसद केवल व्यापार नहीं, बल्कि संगठित अपराध और विदेशी नेटवर्क से जुड़कर समाज को नुकसान पहुँचाना है। पुलिस का लक्ष्य इन संबंधों को जड़ से तोड़ना है।”

बदलता ट्रेंड

पिछले कुछ वर्षों में रायपुर का नशा कारोबार परंपरागत गांजा और अफ़ीम से हटकर सिंथेटिक पार्टी ड्रग्स जैसे एमडीएमए, एलएसडी और एक्स्टसी की ओर तेजी से बढ़ रहा है। पुलिस का मानना है कि यह ट्रेंड युवाओं और शहरी पार्टी कल्चर को निशाना बना रहा है, जिससे सामाजिक ढांचे को गहरी चोट पहुँच रही है।