दुर्ग, 04 सितम्बर 2025।
दुर्ग जिला न्यायालय परिसर में पार्किंग की अव्यवस्था रोज़ाना हजारों लोगों के लिए सिरदर्द बन गई है। अदालत में आने वाले अधिवक्ता हों या फिर अपने मामलों को लेकर पहुंचने वाले फरियादी – सभी को सबसे ज्यादा दिक़्क़त अपने वाहनों को खड़ा करने की हो रही है।
जिला न्यायालय परिसर में प्रतिदिन हजारों की संख्या में वकील और उससे भी ज्यादा फरियादी पहुंचते हैं। इनके दोपहिया और चारपहिया वाहनों से परिसर की पार्किंग क्षमता काफी पहले ही जवाब दे चुकी है। बेतरतीब खड़े वाहनों के बीच जहां अधिवक्ताओं की आवाजाही मुश्किल होती है, वहीं वाहन चालकों को भी खुद पार्किंग की जगह तलाशने में भारी परेशानी उठानी पड़ती है।
प्रशासन और अधिवक्ता परिषद के संयुक्त प्रयास की ज़रूरत
अधिवक्ता परिषद और स्थानीय लोगों का मानना है कि इस समस्या का स्थायी हल तभी संभव है जब न्यायालय परिसर में बहुमंजिला भवन का निर्माण किया जाए और उसके तलघर (बेसमेंट) में व्यवस्थित पार्किंग स्टैंड बनाया जाए। इससे न केवल अधिवक्ताओं और फरियादियों को राहत मिलेगी बल्कि न्यायालय परिसर की कार्यप्रणाली भी सुचारू रूप से चल सकेगी।

इंसानी कहानी: “फरियाद से पहले पार्किंग की चिंता”
एक अधिवक्ता ने बताया, “क्लाइंट की सुनवाई समय पर हो, इसके लिए हम जल्दबाजी में कोर्ट पहुंचते हैं, लेकिन आधा समय तो गाड़ी खड़ी करने में निकल जाता है।” वहीं, एक फरियादी ने अपनी व्यथा बताते हुए कहा, “हम तो अपने केस की चिंता में कोर्ट आते हैं, लेकिन यहां सबसे पहले चिंता रहती है कि गाड़ी कहां खड़ी करें।”
समाधान की दिशा
विशेषज्ञों का मानना है कि जिला प्रशासन, न्यायालयीन अधिकारी और अधिवक्ता परिषद अगर संयुक्त रूप से इस समस्या पर ठोस कदम उठाएं तो जल्द ही एक स्थायी समाधान निकल सकता है। इससे न केवल रोज़मर्रा की परेशानियां कम होंगी बल्कि न्यायालय का माहौल भी अनुशासित और सुव्यवस्थित बनेगा।
