रायपुर, 3 सितम्बर 2025।
सावन-भादो के महीनों में छत्तीसगढ़ की धरती पर पारंपरिक उत्सवों की रौनक अलग ही होती है। इसी परंपरा को जीवंत करने के लिए आज राजस्व मंत्री श्री टंक राम वर्मा के निवास पर तीजा मिलन का भव्य आयोजन हुआ। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ी संस्कृति, लोकगीतों की मधुर स्वर लहरियों और लोकनृत्यों की ताल पर सजीव लोकपरंपराओं का अनूठा संगम देखने को मिला।
पारंपरिक परिधानों में सजी महिलाएँ जब तीजा के गीत गाती हुईं मंडप में पहुँचीं तो वातावरण उल्लास और आस्था से गूंज उठा। लोक व्यंजनों की सुगंध, दुलकी नृत्य की थिरकन और गीतों की स्वर-लहरियाँ मानो सभी को मायके की यादों से जोड़ रही थीं।
मुख्यमंत्री ने बताया तीजा एकता और संस्कृति की पहचान
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने तीजा मिलन को समाज की एकता और संस्कृति का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा—
“तीजा छत्तीसगढ़ की महिलाओं के लिए आस्था और विश्वास का पर्व है। यह सिर्फ पति की लंबी उम्र का व्रत नहीं, बल्कि परिवार की समृद्धि और समाज की एकजुटता का उत्सव है। हमारी लोकपरंपराएँ ही हमें जोड़ती हैं और यही हमारी सांस्कृतिक धरोहर है।”
उन्होंने कजली एकादशी जैसे पर्वों को भी भाईचारे और एकता का संदेश देने वाला बताया और विकास की दिशा में “सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास” की भावना को दोहराया।
विधानसभा अध्यक्ष ने महिलाओं की भूमिका सराही
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़ की पहचान उसकी लोक संस्कृति और त्योहारों से है। यहाँ की महिलाएँ न केवल परिवार और समाज को संवार रही हैं बल्कि शिक्षा, राजनीति, सेवा और हर क्षेत्र में योगदान देकर प्रदेश को गौरवान्वित कर रही हैं। उन्होंने महिलाओं को संस्कृति की संरक्षक बताते हुए उनके योगदान की सराहना की।

तीजा: मायके की यादों का पर्व
राजस्व मंत्री श्री टंक राम वर्मा ने भावुकता के साथ कहा कि तीजा महिलाओं के लिए मायके की स्मृतियों से जुड़ने का पर्व है। इस अवसर पर महिलाएँ पति की दीर्घायु और परिवार की सुख-समृद्धि के लिए उपवास करती हैं। आज का समारोह प्रदेश की संस्कृति और परंपरा के संगम का प्रतीक है।
उल्लासमय माहौल और जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी
कार्यक्रम में पारंपरिक व्यंजन परोसे गए और महिलाओं ने एक-दूसरे को तीजा की बधाइयाँ दीं। दुलकी और पंथी नृत्य की प्रस्तुतियों ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। पूरे माहौल में ऐसा लगा मानो लोकसंस्कृति के रंग जीवंत हो उठे हों।
इस अवसर पर मंत्रिमंडल के सदस्य आदिम जाति विकास एवं कृषि मंत्री श्री रामविचार नेताम, खाद्य मंत्री श्री दयालदास बघेल, वन एवं सहकारिता मंत्री श्री केदार कश्यप, उद्योग मंत्री श्री लखनलाल देवांगन, लोक स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े, शिक्षा मंत्री श्री गजेंद्र यादव, पर्यटन मंत्री श्री राजेश अग्रवाल सहित सांसद श्री बृजमोहन अग्रवाल, सांसद श्रीमती रूप कुमारी चौधरी, श्रीमती कमलेश जांगड़े और विधायक श्री अनुज शर्मा, श्री सुनील सोनी तथा श्री पुरंदर मिश्रा भी उपस्थित रहे। सभी ने महिलाओं को तीजा की शुभकामनाएँ दीं और उन्हें समाज के विकास में और सक्रिय भागीदारी के लिए प्रेरित किया।
तीजा: संस्कृति और सामाजिक एकता का जीवंत प्रतीक
तीजा मिलन केवल धार्मिक आयोजन नहीं रहा, बल्कि यह महिलाओं की शक्ति, सांस्कृतिक धरोहर और सामाजिक एकता का जीवंत प्रतीक बन गया।
