बलरामपुर, 3 सितम्बर 2025।
भारी बारिश से उपजे संकट ने बलरामपुर जिले के ग्राम धनेशपुर स्थित लुत्ती (सतबहिनी) डैम को भी नहीं बख्शा। मंगलवार देर रात डैम टूटने से आसपास के गांवों में हड़कंप मच गया। अचानक आई जलराशि ने घरों, खेतों और पशुधन को अपनी चपेट में ले लिया। इस हादसे में अब तक चार लोगों की मौत, तीन लोग घायल और तीन अन्य लापता बताए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री का शोक संदेश
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने इस हादसे को “बेहद दुखद और पीड़ादायी” बताते हुए कहा—
“ईश्वर से दिवंगत आत्माओं की शांति और घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की प्रार्थना करता हूँ। इस कठिन घड़ी में प्रदेश सरकार शोकाकुल परिवारों के साथ खड़ी है।”
प्राकृतिक आपदा से जन-धन का नुकसान
डैम टूटने से सिर्फ जनहानि ही नहीं, बल्कि कई घर ध्वस्त हुए, फसलें नष्ट हुईं और पशुहानि भी हुई है। प्रभावित ग्रामीणों ने बताया कि पानी इतनी तेजी से आया कि लोग संभल भी नहीं पाए। कई परिवारों के घरों में सिर्फ मलबा और टूटे सामान बचे हैं।

राहत और बचाव कार्य जारी
मुख्यमंत्री ने बताया कि जिला प्रशासन, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और स्थानीय टीमें राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं। घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, वहीं लापता लोगों की तलाश के लिए गोताखोर और रेस्क्यू दल लगातार काम कर रहे हैं।
तत्काल सहायता और मुआवजा
मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन को निर्देश दिया है कि—
- मृतकों के परिजनों को शासकीय नियमों के अनुसार अनुग्रह सहायता शीघ्र दी जाए।
- प्रभावित परिवारों को अस्थायी आश्रय, खाद्यान्न और अन्य जरूरी सामग्री उपलब्ध कराई जाए।
- मकान, फसल और पशुहानि का विस्तृत सर्वे कर त्वरित राहत सुनिश्चित की जाए।
गांव में मातम का माहौल
धनेशपुर और आसपास के गांवों में मातम पसरा हुआ है। जो परिवार हादसे में अपनों को खो चुके हैं, उनके आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे। स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि डैम टूटने की आवाज इतनी तेज थी कि लोग घबराकर घर से बाहर भागे, लेकिन कई लोग पानी के तेज बहाव में बह गए।
मुख्यमंत्री ने आश्वस्त किया कि प्रदेश सरकार पूरी स्थिति पर नजर बनाए हुए है और हर संभव सहायता उपलब्ध कराई जाएगी।
