रायपुर, 03 सितम्बर 2025।
कर्रेगुट्टालु पहाड़ी पर चले अब तक के सबसे बड़े नक्सल विरोधी अभियान ‘ऑपरेशन ब्लैक फॉरेस्ट’ की सफलता ने नक्सल उन्मूलन के इतिहास में एक स्वर्णिम अध्याय जोड़ दिया है। इसी अभियान को अंजाम देने वाले सीआरपीएफ, छत्तीसगढ़ पुलिस, डीआरजी और कोबरा बटालियन के बहादुर जवानों से आज केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने नई दिल्ली में मुलाकात की और उन्हें सम्मानित किया।
इस अवसर पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय और उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा भी उपस्थित रहे।
श्री अमित शाह ने कहा—
“गर्मी, ऊँचाई और हर कदम पर आईईडी के खतरे के बावजूद हमारे सुरक्षाबलों ने बुलंद हौसले के साथ नक्सलियों के बेस कैंप को ध्वस्त कर दिया। जवानों का साहस और पराक्रम नक्सल विरोधी संघर्ष की गाथा में हमेशा स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा।”

उन्होंने कहा कि कर्रेगुट्टालु पहाड़ी पर नक्सलियों के मैटीरियल डंप और सप्लाई चेन को पूरी तरह समाप्त कर दिया गया है। यह नक्सलियों के तंत्र को कमजोर करने की दिशा में ऐतिहासिक उपलब्धि है।
गृह मंत्री ने दृढ़ संकल्प व्यक्त करते हुए कहा—
“मोदी सरकार तब तक चैन से नहीं बैठेगी जब तक सभी नक्सली या तो आत्मसमर्पण न कर दें, पकड़े न जाएँ या समाप्त न हो जाएँ। हमारा लक्ष्य साफ है—31 मार्च 2026 तक भारत को नक्सलवाद से पूर्णतः मुक्त करना।”
उन्होंने याद दिलाया कि नक्सलियों ने देश के अविकसित इलाकों को सबसे ज्यादा क्षति पहुँचाई, स्कूल और अस्पताल बंद करा दिए और सरकारी योजनाओं को जनता तक पहुँचने से रोक दिया। लेकिन अब हालात बदल रहे हैं।
श्री शाह ने कहा कि पशुपतिनाथ से लेकर तिरुपति तक के क्षेत्र में करीब 6.5 करोड़ लोगों के जीवन में नया सूर्योदय हो चुका है। विकास और सुरक्षा की राह पर आगे बढ़ते इन इलाकों में अब शांति और समृद्धि का माहौल लौट रहा है।
गृह मंत्री ने यह भी आश्वासन दिया कि नक्सल विरोधी अभियानों में घायल हुए जवानों और उनके परिवारों की देखभाल के लिए मोदी सरकार हरसंभव सहयोग दे रही है।
सम्मान समारोह में उपस्थित जवानों के चेहरों पर गर्व और उत्साह साफ झलक रहा था। वे न केवल अपनी वीरता पर गर्वित थे बल्कि इस बात से भी प्रेरित थे कि उनका संघर्ष देश को नक्सलवाद की जंजीरों से मुक्त कराने की दिशा में निर्णायक साबित हो रहा है।
