जबलपुर, 2 सितम्बर।
मध्यप्रदेश के जबलपुर जिले के खितौला इलाके में 11 अगस्त को हुई 15 करोड़ की सनसनीखेज बैंक डकैती की गुत्थी अब सुलझती नजर आ रही है। पुलिस जांच में बड़ा खुलासा हुआ है कि इस डकैती की साजिश छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जेल के अंदर रची गई थी। रविवार को पुलिस ने इस कांड के मास्टरमाइंड राजेश दास (38) और उसके साथी इंद्रजीत दास (22) को बिहार के गया जिले से गिरफ्तार कर लिया।
20 मिनट में उड़ाए 15 किलो सोना और नकदी
घटना 11 अगस्त की है, जब तीन नकाबपोश युवक हथियारों से लैस होकर खितौला के ESAF स्मॉल फाइनेंस बैंक में घुसे। चंद मिनटों में बैंक कर्मचारियों को बंधक बनाकर 15 किलो सोना और 5 लाख रुपये नकद लूट लिए। बैंक के बाहर उनके दो साथी मोटरसाइकिल पर इंतजार कर रहे थे। महज 20 मिनट में आरोपी 15 करोड़ रुपये की लूट को अंजाम देकर फरार हो गए।
जेल से छूटा और रच डाली साजिश
जबलपुर पुलिस अधीक्षक संपत उपाध्याय ने जानकारी दी कि मास्टरमाइंड राजेश दास को 18 जून को रायगढ़ जेल से जमानत पर रिहा किया गया था। रिहाई के करीब 55 दिन बाद ही उसने इस डकैती को अंजाम दिया। राजेश पर 2011 से 2025 के बीच बिहार, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़ और अन्य राज्यों में दर्जनों बैंक डकैती के मामले दर्ज हैं।
बिहार में पकड़ा गया गैंग
बिहार पुलिस और मध्यप्रदेश पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में गया जिले के डोभी इलाके से राजेश और उसके साथी इंद्रजीत को पकड़ा गया। इंद्रजीत ने ही राजेश के लिए ठिकाने की व्यवस्था की थी। गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने उनके पास से करीब 3 किलो सोना बरामद किया है। बाकी सोना गैंग के अन्य सदस्यों में बांट दिया गया है।
फरार आरोपियों की तलाश जारी
पुलिस के अनुसार गिरोह के अन्य सदस्य अब भी फरार हैं और उनकी तलाश की जा रही है। यह गिरोह लंबे समय से बिहार, झारखंड और छत्तीसगढ़ समेत कई राज्यों में सक्रिय रहा है।
