चीन, 30 अगस्त 2025।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को तिआनजिन पहुंचे। यह उनकी 2018 के बाद पहली चीन यात्रा है। प्रधानमंत्री मोदी यहां 1 सितंबर को होने वाले शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे और उससे पहले चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन समेत कई नेताओं से द्विपक्षीय बैठक करेंगे।
रविवार को उनकी शी जिनपिंग से बहुप्रतीक्षित मुलाकात होगी। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ़ नीति के बीच भारत-चीन संबंधों में हाल के महीनों में आई नरमी इस बैठक को और अधिक महत्वपूर्ण बनाती है। यह दोनों नेताओं की पिछले एक साल में दूसरी मुलाकात है, इससे पहले कज़ान में हुए ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में दोनों आमने-सामने हुए थे।
ज़ेलेंस्की की अपील:
मोदी और पुतिन की मुलाकात से ठीक पहले यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की ने प्रधानमंत्री मोदी को फोन कर रूस को “उचित संदेश” देने का आग्रह किया। ज़ेलेंस्की ने कहा कि रूसी हमले तेज़ हो गए हैं और “जब तक शहरों पर लगातार गोलाबारी हो रही है तब तक शांति की सार्थक बात नहीं हो सकती।”
बहुपक्षीय सहयोग पर ज़ोर:
रविवार रात शी जिनपिंग द्वारा आयोजित स्वागत भोज में प्रधानमंत्री मोदी शामिल होंगे। सोमवार को एससीओ शिखर सम्मेलन में चीन ‘तिआनजिन घोषणा पत्र’ प्रस्तुत करेगा जिसमें बहुपक्षवाद और क्षेत्रीय स्थिरता पर ज़ोर रहेगा।
आतंकवाद पर भारत का रुख:
भारत इस बार आतंकवाद के खिलाफ सख्त भाषा की मांग करेगा। जून में भारत ने रक्षा मंत्रियों की संयुक्त घोषणा पर हस्ताक्षर नहीं किए थे, क्योंकि उसमें आतंकवाद पर पर्याप्त सख्ती नहीं दिखाई गई थी। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने जुलाई में भी एससीओ से कहा था कि “आतंकवाद पर कोई समझौता नहीं होना चाहिए।”
भविष्य की झलक:
सम्मेलन में चीन अपनी ग्रीन एनर्जी और रोबोटिक्स तकनीक का प्रदर्शन भी करेगा। तिआनजिन बंदरगाह को पूरी तरह एआई संचालित और शून्य-कार्बन उत्सर्जन वाला घोषित किया गया है।
प्रधानमंत्री मोदी सोमवार दोपहर भारत लौटेंगे, जबकि अन्य नेता 3 सितंबर को होने वाली चीन की विजय परेड में शामिल होंगे।
